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एक यादव का मुलायम यादव को ख़त

By Sagar Vishnoi:

मुलायम जी,

आपके क्या कहने, कुछ दिनों पहले मेरी बेटी को लैपटॉप मिला, वही जो आपके बेटे, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने वादा किया था. बेटी ख़ुशी से फूली नहीं समाई. हमने उसपे इन्टरनेट भी लगवा लिया और अब फेसबुक, गूगल भी करते हैं. ज़िन्दगी आसान हो गई है, क्लिक करते ही सारी दुनिया घर पे. वाकई कमाल का यन्त्र है, रोज़ उसपे खबर या विडियो देखते हैं और लीजिये, जो अभी अभी सुप्रीम कोर्ट ने आपको क्लीन चिट दी, उसकी खबर भी लैपटॉप से ही मिली, जो आपके बेटे ने दिया है.

लेकिन महामहीम, मेरे सूबे में केवल 8 घंटे लाइट आती है, लेकिन वो चार्जिंग के लिए बहुत है. अब अँधेरे में जुर्म हो, चोरी हो क्या फर्क पड़ता है. घर की बेटी पर मनचले फब्तियां कसे, प्रदेश में आपके राज के एक साल में 100 से ज्यादा रेप मामले, लेकिन क्या फर्क पड़ता है. वैसे भी पडोसी आपके चुनावी जुमले का मज़ाक बनाते रहते हैं, जो हम से सहन नहीं होता – ‘यूपी में नहीं है दम, यहाँ दंगे है , जुर्म नहीं हुआ कम’.

महामहीम, आपने बारहवी पास लड़कियों को छात्रवृत्तियां बांटी, ख़ुशी हुई, लेकिन मेरी लड़की के पास रोजगार नहीं है. होता भी कैसे, आपके सुपुत्र ने कौशल निखारने के लिए प्रशिक्षण केंद्र थोड़े ही खुलवाये हैं. गरीब को रोजगार देंगे तो पैसे कमा के वो खुद खायेंगे, गरीब को रोटी देंगे तो वो गरीब ही रहेगा. लेकिन साहब, चुनाव आ रहे हैं प्रदेश का युवा सब देख रहा है, उसी लैपटॉप पे, जो आपके बेटे ने दिया है.

पार्टी का नारा है समाजवाद का, लेकिन महामहीम, आपके सुपुत्र के राज में प्रदेश में 18 महीने में 8 से ज्यादा दंगे हुए, मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक दंगो को आपने अधिकारियों की नाकामी और राजनीतिक षड़यंत्र का जामा पहना दिया. 600 से अधिक लोग मारे गए और 40 ,000 से ज्यादा बेघर हुए लेकिन आपने सरकारी आंकड़ा गलत दर्शाया और अभी भी सुध ली है ,पता नहीं इसका. अधिकारी वहां चुपचाप रहते हुए सब देखते रहे और अगर कोई अधिकारी खनन माफिया के खिलाफ ईमानदारी का साथ दे तो उसका तबादला आधे घंटे में होता है, वाह सरकार! आपका कथन की अखिलेश को प्रदेश में और समझदारी से काम करने की ज़रुरत है और आपके ख़ास आज़म खान के स्टिंग ऑपरेशन का विडियो भी हमने लैपटॉप पर ही देखा, जो आपके बेटे ने दिया है.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, लेकिन हमारी बेटी सब देख रही है, 19 साल की हो गई है, वोट करेगी अगले साल और आपको सलाह देता हूँ की अपना स्लोगन बदलकर “तुम मुझे खून दो,मैं तुम्हे लैपटॉप दूंगा!” रख लें. आज के डिजिटल दौर का डिजिटल स्लोगन!

प्रदेश का एक जागरूक नागरिक

______ यादव (आप की ही जाति का)

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