Site icon Youth Ki Awaaz

माखनलाल विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के ‘तुगलकी फरमानों’ के खिलाफ #लड़ाईजारीहै

मनीश मिश्रा

भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्विद्यालय के छात्र इन दिनों सोशल मीडिया पर कुलपति के विरोध में आ गए हैं। तीन दिन पहले प्लेसमेंट और इंटर्नशिप के मसले पर शुरू हुआ विरोध अब सोशल मीडिया पर अभियान का रूप ले चुका है। पत्रकारिता विवि के स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर हैशटेग लड़ाई जारी है (#लड़ाईजारीहै) का इस्तेमाल कर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। अधिकतर स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय की जर्नलिज्म फील्ड में हो रही बदनामी और प्लेसमेंट के लगातार कम होते आंकड़ों की वजह कुलपति की गलत नीतियों को मानते हैं। इस आंदोलन के सपोर्ट में स्टूडेंट्स ने फेसबुक पर पेज (SAVE MCU SAVE JOURNALISM #लड़ाईजारीहै ) बनाया है। इस पेज को तीन दिन में 15 सौ से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं, जो बढ़ते जा रहे हैं। ट्विटर पर भी इस मुहिम को जबरदस्त सफलता मिल रही है। इस मुहिम से देश के दूसरे विवि भी जुड़ रहे हैं। हाल ही में बीएचयू वाराणसी के स्टूडेंट्स ने सेव जर्नलिज्म महिम के सपोर्ट में कुलपति कुठियाला का पुतला फूंका। सभी विभागों के स्टूडेंट्स ने आपस में मीटिंग कर इस लड़ाई को जमीन पर लाने का फैसला भी किया है।

चित्रण- #लड़ाईजारीहै

 

विद्यार्थियों ने कई मुद्दे उठाए हैं। साल 2010 में कुलपति ने आते ही विश्वविद्यालय में होने वाले चयन परीक्षा के पैटर्न को बदल दिया। इससे पहले अन्य यूनिवर्सिटीज की तरह यहां भी सब्जेक्टिव सवाल होते थे। वीसी ने इसे बदलकर ऑब्जेक्टिव कर दिये और एग्जाम के बाद होने वाले इंटरव्यू को भी बंद कर दिया।

इसके इलावा, कुलपति ने सभी विभागों में निकलने वाले अखबारों को बंद करवा दिया। इस अखबार में प्रैक्टिकल वर्क कर स्टूडेंट्स फील्ड लायक बन पाते थे। स्टूडेंट्स का मानना है प्रैक्टिकल न होने की वजह से वह फील्ड में नकारे करार दिए जा रहे हैं।

इस बात का भी विरोध है कि कुलपति ने अपना तुगलकी फरमान सुनाते हुए लायब्रेरी और कम्प्यूटर लैब की टाइमिंग भी कम कर दी। अब यह सिर्फ क्लास के दौरान ही चालू होता था, जबकि पहले देर रात तक इसे खोला जात था, जहां स्टूडेंट्स पढ़ते और प्रैक्टिकल के काम सीखते थे। यूनिवर्सिटी का प्लेसमेंट सेल अब गहरी नींद में है। इंटर्नशिप की व्यवस्था को बंद कर दिया गया है और प्लेसमेंट की हालत बेहद खराब है।

इन के इलावा, छोटी- छोटी समस्याएं हावी है। मसलन टॉयलेट की सफाई, वाटर कूलर, फैन, इंटरनेट, अपडेटेड सॉफ्टवेयर न होना जैसी समस्याओं ने स्टूडेंट्स के भीतर गुस्से का गुबार भर दिया है।

[envoke_twitter_link]स्टूडेंट्स विवि में होने वाले अनाप-शनाप लेक्चर से भी परेशान है[/envoke_twitter_link]। यहां विषय विशेषज्ञों के लेक्चर नहीं कराए जाते। उनके बदले स्वामियों के प्रवचन कराए जाते हैं।

Exit mobile version