दिल्ली विश्वविद्यालय हमारे देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में एक है। हिन्दू कॉलेज इसी विश्वविद्यालय के प्रमुख कॉलेजों में से एक है। मगर जब आरोप सामाजिक व जातिगत भेदभाव का हो तथा जब इसी कॉलेज के एक वरिष्ठ प्रोफेसर के तथाकथित व्यक्तिगत एवं सांस्थानिक उत्पीड़न का हो, तो काफी संगीन हो जाता है। डॅाकटर रतन लाल ने पिछले बीस साल से कॉलेज के इतिहास विभाग में अपनी सेवा दी है। मेरे साथ उन्होंने अपनी बात स्पष्ट तरीके से रखी है। उन्होंने इस बाबत कागजी दस्तावेजों को भी प्रस्तुत किया जो दिखलाते हैं की उनके साथ तथाकथित भेदभाव किस प्रकार हो रहा है।
इस बाबत हमने कॉलेज की प्रिंसिपल अंजू श्रीवास्तव से भी संपर्क करने का पूरा प्रयास किया ताकि हम उनका पक्ष भी जान सकें, मगर किसी कारणवश वो अनुपलब्ध थी।
आप सभी लोग देखिये उनकी खुद की ज़बानी।
You can also subscribe to the Campus Watch Newsletter, here.