हाल-फ़िलहाल दुनिया की सबसे बड़ी semiconductor निर्माता Intel Corporation ने लगभग 12,000 लोगों को नौकरी से विदा करने की घोषणा की है। ये सँख्या कुल कर्मचारियों की सँख्या की 11 प्रतिशत है। Intel यदि १२००० लोगो को नौकरी से विदा करती है तो वास्तविकता में अप्रत्य्क्ष रूप में इससे कहीं ज्यादा नौकरियाँ जाएँगी। Intel के काम का एक हिस्सा सर्विस बेस्ड कम्पनी जैसे Infosys, TCS, IBM द्वारा भी किया जाता है। जाहिर है कुछ लोग यहाँ भी प्रभावित होंगे। Intel विश्व में कम्प्यूटर और नोटबुक के मार्केट में लगभग 80 फ़ीसदी की भागीदारी लम्बे समय से रखता आया है। 1968 में स्थापित Intel ने 80,90 के दशक में x86 प्रोसेसर के साथ तत्पश्चात SRAM,DRAM, नेटवर्क कार्ड्स, मदरबोर्ड के साथ दशकों तक एक छत्र छाया रहा है। ये सोचना भी लाजिमी हो चला है की आखिर क्या मुख्य कारक रहे होंगे जिसके चलते विश्वसनीयता के लिये जानी जाने वाली कम्पनी Intel ने ये कदम उठाया।
कम्प्यूटर और नोटबुक के मार्केट के उतार का दौर:
२१वी शताब्दी का दूसरा दशक मोबाइल कंप्यूटिंग डिवाइस के नाम रहा। मोबाइल की बढ़ती कम्प्यूटेशन क्षमता और हमेशा पास रख पाने की कसहजता ने मोबाइल की लोकप्रियता को जन-जन तक पहुँचा दिया। उसी के चलते कम्प्यूटर, नोटबुक, और कैमरा इत्यादि का मार्केट संतृप्त सा हो गया।
जहाँ एक ओर Intel का कम्प्यूटर और नोटबुक के क्षेत्र में एकाधिकार रहा वहीं दूसरी ओर मोबाइल डिवाइस में Intel की प्रतियोगी ARM ने बाज़ी मारी है। ARM के कोर का इस्तेमाल कर चिप बनाने वाली कम्पनी Qualcomm, NXP व अन्य ने मोबाइल का बड़ा बाज़ार हथिया लिया। कम्प्यूटर से मोबाइल के इस सफर में Intel पीछे रह गया। या यूँ कहना बेहतर होगा की Intel का मुनाफा उस दर से नहीं बढ़ सका जिसकी उम्मीद थी। आज के दौर में दुनिया के 82 फ़ीसदी फ़ोन एंड्रॉयड पर आते है और उनमे ARM SOC का इस्तेमाल होता। कम पावर में अधिक कम्प्यूटिंग, कम हार्डवेयर की जरूरत ARM को आगे ले गया।
कम पावर में ज्यादा कम्प्यूटिंग और IOT का चलन:
आज मोबाइल, फ़िटनेस डिवाइस, टेलिमेट्रिक्स के क्षेत्र में कम ऊर्जा के इस्तेमाल से ज्यादा इनफार्मेशन हासिल करने दौर है। डिवाइस का फ़ॉर्म फ़ैक्टर कम होना एक जरूरत है ताकि उसे आसानी से कैरी किया जा सके। यहाँ पर ARM आधारित डिवाइस ज्यादा उपयुक्त है। IOT (इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स) मुख्यतः ARM पर ही आधारित है। कुल मिलाकर, इन्टेल एक एक बड़े और उभरते मार्केट से प्रतक्ष्य रूप से दूर रहा। इस क्षेत्र में की हिस्सेदारी लगभग ४ प्रतिशत ही रह गयी। इसी का ख़मियाज़ा कम विकास दर भुगतना पड़ा।
Cloud कम्प्यूटिंग का मार्केट अभी भी Intel की ताकत:
हालाँकि कम्प्यूटर और नोटबुक का मार्केट घटा है किन्तु क्लाउड कंप्यूटिंग में उदभव के बाद अधिक प्रोसेसिंग क्षमता वाली डिवाइस का ज्यादा उपयोग शुरू हुआ है। यहाँ Intel ने बढ़त हासिल की। इस क्षेत्र में लगभग 80 फ़ीसदी की भागीदारी अभी भी है। लेकिन समय के साथ NVIDIA, Qualcomm व अन्य कम्पनियां भी इस क्षेत्र में चुनौती देने के लिये तैयार हैं। ज़ाहिर है खर्चे कम और एक दिशा में ऊर्जा लगाने का प्रयास ही है ये 12,000 नौकरियों की कटौती।
कुल मिलाकर, तेज़ी से बदलती प्रौद्योगिकी के दौर में कोई व्यवसाय सुरक्षित नहीं है, सृजन और विजन दोनों जरूरी हैं। Nokia इसका सबसे मजबूत उदहारण है। हालाँकि Intel अभी भी एक बेहतर कम्पनी है, बस एक बुरे दौर से गुज़र रही है जहाँ धीरे-धीरे विकास दर कम हो रही है। किन्तु बदलाव कई बार सुखद अनुभव लेकर आता है।