By Khabar Lahariya:
अरुंधति भट्टाचार्य एस.बी.आई. की पहली महिला अध्यक्ष हैं, उन्होंने 7 अक्टूबर 2013 को यह पद ग्रहण किया। इससे पहले वे बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर सह चीफ फाईनैंशियल ऑफिसर थीं। वह अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर पद की दौड़ में सबसे आगे मानी जा रही हैं।
एस.बी.आई. की पहली महिला अध्यक्ष होने के साथ ही एक साथ कई उपलब्धियां उनके नाम के साथ जुड़ गई हैं। भारतीय स्टेट बैंक (स्थापित-1806 ईस्वी) के दो शताब्दियों के इतिहास में इस बैंक के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली वे प्रथम महिला हैं। वे भारत की प्रथम और फिलहाल एकमात्र महिला हैं, जो फार्च्यून 500 लिस्ट में आने वाली किसी भी भारतीय कंपनी का नेतृत्व करती हैं। यदि सिर्फ बैंकिंग की बात की जाए तो विश्वभर में वे एकमात्र महिला हैं, जो फार्च्यून 500 लिस्ट में आने वाले किसी भी बैंक का नेतृत्व करती हैं। यही नहीं, एस.बी.आई. 15000+ शाखाओ तथा संपूर्ण भारत के बैंक डिपोज़िट में 22% हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा बैंक है और इसकी शीर्ष नेता होने के साथ ही वह भारत की सर्वाधिक शक्तिशाली महिलाओं में शुमार हो गई हैं।
12वीं पास करने के बाद अरुंधति ने कोलकाता के लेडी ब्रोबॉन कालेज से अंग्रेजी में स्नातक और जाधवपुर विश्वविद्यालय से एम.ए. की पढ़ाई की। 1977 में पढ़ाई के दौरान ही अरुंधति ने बैंक पी.ओ. (प्रोबेशनरी ऑफिसर) की परीक्षा दी और पास कर गई। इनकी पहली पदस्थापना कोलकाता के अलीपुर एस.बी.आई. ब्रांच में हुई। बाद में वह एस.बी.आई. में ही प्रबंध निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी के रूप में सेवा देते हुए अध्यक्ष पद पर पदस्थापित हुईं।
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