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कैसे बुंदेलखंड के किसानों की खिल्ली उड़ा रहा है ‘सूखा राहत मुआवजा’

By Khabar Lahariya:

Editor’s Note: As part of Youth Ki Awaaz and Khabar Lahariya‘s collaboration, we bring to you this story from the hinterlands of the country’s largest state – Uttar Pradesh. This article is about severely drought affected Bundelkhand and irregularities in distribution of drought compensation by government.  

कबरई, ग्राम बबेड़ी। बुंदेलखंड के विकट सूखे में भी किसानों के साथ सूखा राहत मुआवजे के नाम पर मजाक किया जा रहा है। विकासखंड कबरई के ग्राम बबेड़ी में किसानों के खातों में 23, 80 और 100 रुपये तक की मुआवजा राशि भेजी जा रही है। इस बदहाल सूखे में यह राशि उनकी खिल्ली उड़ाने का काम कर रही है। किसान हताश हो कर कहते हैं, लेखपाल व बैंक के चक्कर काटने में ही 500 रुपये बर्बाद हो जाते हैं। उसके बाद इस राशि का क्या करें, समझ नहीं आता।

ग्राम बबेड़ी निवासी कालका प्रसाद पुत्र परमा के पास तीन बीघा भूमि है। जो बोया वो सूखे के चलते खेत में ही सूख गई। सरकार की तरफ से जो सूखा राहत का मुआवजा आया उसे पाने के लिए किसानों ने खूब चक्कर लगाए और अंततः जो मिला वो था 100 रुपए।

मुआवजा के लिए यदि किसान सुविधा शुल्क लेखपाल को दे देते तो शायद अधिक रुपया खाते में पहुँच जाता। ऐसे दर्जनों किसान है, जिनके साथ मुआवजे के नाम पर मजाक किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश के किसान सूखा रहत के नाम पर मिले 500 रूपए से कम राशि के चेक दिखाते हुए; फोटो आभार: गेट्टी

Brought to you in collaboration with Khabar Lahariya.

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