Site icon Youth Ki Awaaz

ऑनर किलिंग: कितनी और कंदील बलोच इस पुरुषवादी सोच की बलि चढ़ेंगी?

मुकुंद वर्मा:

पाकिस्तान में एक लड़की की हत्या कर दी गयी है। मामला ऑनर किलिंग का है, ऐसे ऑनर किलिंग के मामले तो दुनिया में हर जगह ही सामने आते हैं। लेकिन कंदील बलोच का मामला इसलिए सुर्ख़ियों में है क्यूंकि कंदील एक मॉडल थीं, सोशल मीडिया सेलेब्रिटी थीं और अपने बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहती थी। कत्ल किया उनका, उनके अपने भाई ने, लेकिन जहाँ तक मेरी समझ है उनका कत्ल उनके भाई ने नही बल्कि हमारी सोच ने किया है। उनका कत्ल करने वाला अगर उनका भाई होता तो वो रो रहा होता, अपनी बहन की मौत पर अफ़सोस कर रहा होता। ये नही कह रहा होता कि उसने जो किया सही किया और उसे इसका कोई अफ़सोस नही है।

ये जो हमारी आपकी सोच है, इसकी वजह से हर दिन कई कंदील मारी जा रही हैं। ये पाकिस्तान में तो हो ही रहा है, अपने हिंदुस्तान में भी खुलेआम, पुलिस और प्रशासन की मदद से कई बार हो रहा है। कंदील के भाई जैसे कई भाई, बाप और रिश्तेदार हैं हिन्दुस्तान में, जो अपनी “इज्जत” को बरक़रार रखने के लिए अपनी ही सगी बहनों का बेझिझक खुलेआम कत्ल कर देते हैं। हर महीने 50-60 ऐसी कंदीलों की खबरें आती है, (जो रिपोर्ट होती है)। असल संख्या ज्यादा ही होगी। इसलिए आप में से जो लोग कंदील की हत्या को देखकर पाकिस्तान की सरकार और उसकी आवाम पर थू-थू कर रहे होंगे, ज़रा आप अपने गिरेबान में भी झांकिए। देखिये कैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक और कई और राज्यों में ऐसी घटनाएँ हर महीने अख़बार का पन्ना भरती हैं।

आप सोचिये कि आपकी, “इज्जत”, किसी की जान से ज्यादा प्यारी नही है। इस ख़ुदा ने सबको जीने का बराबर का हक़ दिया है, फिर आप कौन होते हैं किसी की जिंदगी और मौत का फैसला करने वाले। हमारे समाज में लड़कियों को बस एक प्रॉपर्टी की तरह ट्रीट किया जाता है। जब वो बिनब्याही होती है तो उस पर माँ-बाप का हक होता है, शादी के बाद उसके पति का। उन्हें ऐसे ट्रीट किया जाता है मानो उनका अपना कोई वजूद ही नही है। इस सोच से हमें बाहर निकलना होगा। लड़कियों को इंसान मान कर चलना होगा, समझना होगा कि उनकी भी अपनी सोच है, उनके भी अपने सपने हैं, उनकी भी अपनी जिंदगी है। तभी हम इस मानसिक बीमारी को दूर कर पाएंगे।

हिन्दुस्तान में अभी तक कोई कानून नही है जो ऑनर किलिंग को रोकने के लिए बना है। लेकिन कानून बने या ना बने, उससे तब तक कुछ होने वाला नही है, जब तक हम अपनी सोच को नही बदलते। सिर्फ कानून बना देने से बात बन जाती तो आज हिन्दुस्तान में दहेज़ को लेकर दुल्हनें नही जलाई जाती। हमें अपने आप को, एक दुसरे को, सबको शिक्षित करना होगा, जागरूक बनाना होगा की लड़की कोई प्रॉपर्टी नही होती और अपनी “इज्जत” उसकी जान से ज्यादा बड़ी चीज नही है। जब तक ये नही होगा, कंदील पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों जगहें मरती रहेंगी।

Exit mobile version