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अलीगढ़ में गौरक्षकों का हमला और पंजाब पुलिस शूटआउट में हुई एक गौ तस्कर की मौत

सिद्धार्थ भट्ट:

हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 10 अगस्त को अलीगढ़ शहर के बाहरी इलाके में चार लोगों को “गाय चोर” होने के संदेह पर उन्हें जबरन रोका, उनके साथ मार पीट की और फिर पुलिस के हवाले कर दिया। यह घटना, बजरंग दल के जिला प्रभारी केदार सिंह और अन्य कार्यकर्ताओं के एक भैंस को ले जा रही मेटाडोर को रोकने की कोशिश करने के बाद हुई जिसके ड्राईवर ने वाहन रोकने से इनकार कर दिया। उसे कुछ आगे रोड ब्लॉक्स लगाकर रोका गया। रोड ब्लॉक्स को देख कर वाहन में सवार लोगों ने भागने की कोशिश की जिन्हें बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने और स्थानीय लोगों की भीड़ ने पकड़ कर पीटा और फिर पुलिस के हवाले कर दिया।

बजरंग दल के सदस्यों ने वाहन में बैठे लोगों के व्यवहार के संदेहजनक होने की बात कही और उन पर गाय चोरी करने का आरोप लगाया। वहीं पुलिस के अनुसार इन चार लोगों से पूछताछ की जा रही है।

ध्यान देने वाली बात है कि यह घटना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गौ रक्षकों को लेकर आए बयान के 2 दिन के बाद और गृह मंत्रालय के गौ रक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों पर सभी राज्यों को कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश देने के बाद हुई है।

एक अन्य अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार महेंद्रगढ़ पंजाब में 10 अगस्त रात 1:15 पर पुलिस शूटआउट की घटना सामने आयी है, जिसमें कथित रूप से 4 “गाय तस्करों” में से एक की मौत हो गयी और 3 को हिरासत में ले लिया गया। मृतक की पहचान मेवात के निवासी वसीम उर्फ़ काला के रूप में हुई है।

नारनौल के एस.पी. हामिद अख्तर ने बताया कि नारनौल से गाय ले जा रही इस वैन को रोके जाने पर मोरी गाँव के पास वैन में सवार लोगों ने पुलिस पर पथराव किया और गोलियां चलाई। जिसके बाद 4 में से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया और एक की मौत हो गयी। पुलिस द्वारा जब्त की गई वैन से एक गाय और एक सांड को बरामद किया गया है।

पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वो सभी 7 से 8 लोग थे। पुलिस ने पकड़े गए लोगों पर कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, आर्म्स एक्ट और हरियाणा गौवंश संरक्षण अधिनियम और गौसंवर्धन एक्ट 2015 के तहत केस दर्ज किया है।

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