आजकल तो वाट्स एप के रास्ते भी काफी आर्थिक चिंतन की बौछार होती है, इसलिए यह शिकायत नहीं रही कि हिंदी जगत में आर्थिक मसलों पर चर्चा नहीं होती। जीएसटी की बहु-प्रचारित खूबियों से देर-सबेर आपका सामना होना ही है, इसलिए इसके साइड इफेक्ट्स पर कुछ रोशनी डालने की कोशिश कर रहा हूं।