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दही-हंडी मगर ध्यान से: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह खेल नही, 20 फुट ही होगी अधिकतम उंचाई

सिद्धार्थ भट्ट:

बुद्धवार 24 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट नें अपने एक फैसले में महाराष्ट्र के प्रसिद्ध ‘दही-हंडी’ उत्सव को एक खेल की तरह देखे जाने से इनकार कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट नें दही-हंडी के लिए बनाए जाने वाले मानव पिरामिड की तय अधिकतम उंचाई (20 फुट) में किसी भी तरह के बदलाव की संभावना को भी ख़ारिज कर दिया। इससे पहले अगस्त 2014 में मुंबई हाई कोर्ट नें दही हंडी की अधिकतम ऊंचाई 20 फुट करने का आदेश दिया था। साथ ही इसमें 12 साल से कम उम्र के बच्चों के भाग लेने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था, जिसे कुछ समय बाद बढाकर 18 साल कर दिया गया था। इस साल 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हाई कोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखने का फैसला दिया था।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस अनिल आर. दवे नें कहा, “क्या इस पर्व की वजह से भारत नें कोई मैडल जीता है? मैं खुद मुंबई से हूँ और मुझे बहुत ख़ुशी होगी अगर हम इस ‘खेल’ की वजह से कोई मैडल जीत सकें।”

सुप्रीम कोर्ट की यह बेंच, मुंबई की एक संस्था के हंडी की ऊँचाई कम करने से खेल से रोमांच के ख़त्म हो जाने की अपील पर सुनवाई कर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, इस पर्व के दौरान कई लोगों को खासकर गर्दन और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आती है ऐसे में हंडी की ऊंचाई को 20 फुट से ज्यादा बढ़ाना बेहद डरावना है।

दही-हंडी महाराष्ट्र में कृष्ण जन्माष्टमी को मनाया जाने वाला प्रसिद्ध पर्व है, जिसमें ऊँचाई पर रस्सी से टंगी एक मिट्टी की हंडी को अलग-अलग टीमें मानव पिरामिड बनाकर तोड़ने की कोशिश करती हैं। जीतने वाली टीम को पुरस्कार में पैसे दिए जाते हैं, जिसकी राशि कुछ हज़ार रूपए से लेकर 10 लाख या उससे भी अधिक हो सकती है।

हिन्दू भगवान् कृष्ण की माखन चोरी की लीला कि याद में उनके जन्मदिन यानि कि जन्माष्टमी को मनाए जाने वाले इस पर्व में समय के साथ-साथ राजनैतिक दलों के बढ़ते दखल से दही-हंडी की लोकप्रियता तो बढ़ी ही, साथ-साथ इनाम की राशि और हंडी की ऊँचाई भी। दही-हंडी पर्व के दौरान हर वर्ष कई लोग उंचाई से गिरने की वजह से गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं, और इस पर्व के दौरान कुछ लोगों की मौत भी हो जाती है। सन 2013 में 641, 2014 में 290 और 2015 में इस पर्व के दौरान 130 लोग घायल हुए।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के क्षेत्रीय दलों शिवसेना और मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के साथ-साथ भाजपा नें भी, सुप्रीम कोर्ट को सांस्कृतिक आयोजनों से दूर रहने को कहा है, और कोर्ट के इस फैसले से आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात कही है। इसी कड़ी में मनसे प्रमुख राज ठाकरे नें खुलेआम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है, और पुलिस को किसी भी तरह की कारवाही करने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि मनसे और शिवसेना के दही-हंडी के आयोजन, इनाम की भारी भरकम राशि और हंडियों की ऊंचाई के लिए प्रसिद्ध हैं।

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