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गुड़गाँव के एक गाँव में दोस्ताना कबड्डी मैच हार रही सवर्ण टीम ने दलित टीम से की मार-पीट

सिद्धार्थ भट्ट:

गुड़गाँव के चक्करपुर गाँव में दलितों और सवर्णों के बीच सदभाव के लिए खेले जा रहे कबड्डी टूर्नामेंट ने उस समय हिंसक रूप ले लिया, जब चमार और वाल्मीकि जाति के खिलाडियों वाली दलित टीम सवर्ण यादवों की टीम पर भारी पड़ने लगी। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पुलिस के पहुँचने से पहले, सवर्णों ने दलित टीम के लोगों के साथ मार-पीट की, उन्हें देसी तमंचों के बल पर धमकाया और उनके साथ जाति आधारित गाली-गालौच भी की।

हिंसा की इस घटना में करीब 10 लोग घायल हो गए, इनमे से 24 साल के योगेन्द्र और 32 साल के विजेंदर को गुड़गांव के संजीवनी हॉस्पिटल में भरती करना पड़ा।

पुलिस ने कहा कि सेक्टर 29 के पुलिस स्टेशन में यादव समुदाय के 8 लोगों पर चक्करपुर गुड़गांव में एक दोस्ताना कबड्डी टूर्नामेंट के एक मैच में, दलित टीम के सदस्यों पर हमला करने को लेकर एफ.आइ.आर. दर्ज की गयी है।

कबड्डी के इस टूर्नामेंट में दिल्ली के आस-पास के अलग-अलग गावों और जातियों की 30 से भी ज्यादा टीमें हिस्सा ले रही थी, जिनमे दलित, यादव, जाट, गुर्जर, बनिया और अग्रवाल जातियों की टीमें थी।

दलित टीम के सदस्य बिट्टो सिंह ने बताया कि, “यादव टीम सिकंदरपुर से थी, लेकिन हमारे गाँव के यादव समुदाय के लोग भी उनको समर्थन और प्रोत्साहन दे रहे थे। जब हमारी टीम जीतने वाली थी तो हमारे ही गाँव के यादव समुदाय के लोग गुस्सा होने लगे और हिंसक हो गए, सवर्णों की अन्य टीमें और सवर्ण दर्शक भी उनके साथ शामिल हो गए। उन्होंने हमारी टीम के लोगों के साथ मार-पीट शुरू कर दी और जिन्होंने बीच-बचाव करने की कोशिश की उनको भी नहीं बक्शा गया।” बिट्टो सिंह ने आगे बताया कि, “हमारी जाति को लेकर भी हमें अपशब्द कहे गए, और हमें डराने के लिए देसी कट्टों (तमंचों) से हवा में गोलियां चलाई गयी।”

सेक्टर 29 के ए.एस.आइ. कँवर सिंह ने कहा कि, “धारा 147(दंगा करना), 149 (गैरकानूनी रूप से जमा होना), 323(जानकर हमला करना), 325(जानलेवा हमला करना), और 506(अपराधिक रूप से धमकी देना) और साथ ही एस.सी./एस.टी. एक्ट की धाराओं 3, 33 और 89 के तहत पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गयी है। अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।” वहीं गाँव के दलितों ने बताया कि निचली जाति के लोगों और यादव समुदाय के बीच टकराव की घटनाएं होती रहती हैं।

एम.सी.जी. (मुनिसिपल कारपोरेशन ऑफ़ गुडगाँव) के स्थानीय काउंसलर सुनील यादव ने कहा कि, “यह टूर्नामेंट गाँव के लोगों ने आयोजित किया था और यह घटना टूर्नामेंट के दौरान विवाद हो जाने की वजह से हुई, इसका जाति से कोई लेना-देना नहीं है। टीमों में एक ही जाति के लोगों का होना भी महज एक इत्तेफाक था।” यादव ने आगे कहा कि, “यह विवाद युवाओं के बीच होने वाले सामान्य विवाद जैसा ही था जो कुछ ज्यादा ही बढ़ गया, हो सकता है कि कुछ लोग इसे जाति का रंग देने की कोशिशे करें लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। यह एक शांतिप्रिय गाँव है और आगे भी बना रहेगा।”

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