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“ओ छोटू सुन, छोटू इधर आ, छोटू ये सामान ले आ”

Youth Ki Awaaz:

नन्हे मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है? इसका जवाब अगर मुट्ठी में है तकदीर हमारी के बजाए आए कि मेरी मुट्ठी में है झाड़ू, बर्तन, पोछा तो थोड़ा अजीब तो लगेगा ना। अब बच्चों से कौन प्यार नहीं करता, हां बशर्ते कि वो बच्चें किसी ढाबे, किसी गराज, किसी घर में काम ना करते हों। बाल मज़दूरी पर चिंता बस इस बात के लिए करते हैं कि बच्चे हैं इन्हें इतना काम नहीं करना चाहिए तो ये एहसान करना भी छोड़ दीजिए। बाल मज़दूरी पर चिंता इसलिए भी करिए क्यूंकि ये कइ जेनेरेशन की आर्थिक तंगी का बयां है, इसलिए भी करिए कि ये देश की जड़ों को खोखला करने वाली समस्याओं में सबसे आगे है। आप बड़ी से बड़ी समस्या गिनाइये, उसकी जड़ तक पहुंचिए और बाल मज़दूरी एक बड़ा कारण नज़र आएगा। जो कभी कोई ऐसा बच्चा मिले तो 10 सेकंड निकाल कर पूछिएगा कि क्या वो वाकई छोटू बनना चाहता था/है? शायद ये बातें पढ़ कर ना समझ आए, ये वीडियो देखिए TVF ने बनाया है फिर शायद बेहतर हो समझ पाने की स्थिति।

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