कोल्डप्ले काॅंसर्ट हुआ, चर्चा पूरे देश में थी, यंग जेनेरेशन के लिए स्पेशल मौका था। अब काॅंसर्ट था तो ज़ाहिर है माहौल भी काॅंसर्ट वाला ही होगा। बहुत लोगों ने कहा कि उनके लाईफ का बेस्ट एक्सपीरियंस रहा कोल्डप्ले को सुनना। सब अच्छे से संपन्न हुआ। लेकिन ये पूरा ‘वेस्टर्न और गैर-भारतीय-सांस्कृतिक माहौल’ एस्सेल ग्रुप के मालिक और सांसद सुभाष चंद्रा को खल गया। उन्होंने ट्वीट किया कि युवा पीढ़ी को अपने संस्कृति के बारे में ज़्यादा जानकारी होनी चाहिए।
अब युवा पीढ़ी भी कैसे चुपचाप सुन लेती सब, मॉरल पुलिसिंग का जो सवाल था।
अब जब बात संस्कारों पर आ गई तो यंग जेनेरेशन आईना लेकर खड़ी हो गई और सुभाष चंद्रा से उनकी कंपनी द्वारा किये गए काम को लेकर ही पूछने लगी।
ट्विटर पर शुरु हुए घमासान में लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बीच में घसीट लिया और सुभाष चंद्रा से पूछने लगे कि इतने असंस्कारी इवेंट में प्रधानमंत्री क्यों उपस्थिति दर्ज करवाना चाहते थे?
अब कुछ लोग ऐसे भी होते हैं ट्विटर पर जो ज़रा लेट से आते हैं किसी बहस में जब सब कुछ कहा-सुना जा चुका होता और उनकी नज़र होती है किसके स्पेलिंग में क्या गलती है यही निकालने की, ऐसे लोग यहां भी आएं।
तो लगभग ऐसा लगा कि संस्कार वाली बात सुभाष चंद्रा पर बैकफायर कर गई, खैर सुभाष चंद्रा ने अपना बचाव किया और स्पेलिंग मिस्टेक पर बवाल करने वालों को अपनी भाषा का ज्ञान भी देते गएं।
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