बुंदेलखंड में गर्भ निरोध महिलाओं की बहुत सारी दिक्कतों में से एक है। बाकी परेशानियां तो खैर फिर भी रोज़मर्रा बन चुकी हैं। ऐसे में गांवों में महिलाओं पर ही नसबंदी का दबाव भी होता है। अशिक्षा और कम जानकारी के साथ ऑपरेशन करवाने के लिए राज़ी हो जाना इस पूरे प्रक्रिया को काफी चिंताजनक बना देता है। क्योंकि नसबंदी करवाने वाली बहुत कम महिलाओं को इस ऑपरेशन से जुड़ी समस्याओं और कठिनाइयों की पहले से कोई जानकारी होती है। पुरुषों की नसबंदी को बढ़ावा नहीं दिया जाता बल्कि इसे सामाजिक शर्म से जोड़ दिया जाता है। ऐसे में शांति नाम की महिला चित्रकूट में नसबंदी कराने गई और फिर कभी लौट कर नहीं आई। इस पर डिप्टी सी.एम.ओ. बस ये कह रहे हैं कि ऐसा कभी-कभी हो जाता है। देखिए खबर लहरिया की वीडियो रिपोर्ट-