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मानवाधिकार दिवस के मौके पर देखिये ये वीडियो और जानिये क्या है इसका इतिहास

बीसवीं सदी को आप किस तरह से याद रखना चाहेंगे? औद्योगिक क्रांति के अडवांस स्टेप की तरह, टेक्नोलॉजी के विस्तार के रूप में या इन्टरनेट और संचार क्रांति के रूप में। बेशक मानव जाति ने इस सदी में कई नयी ऊंचाइयों को छुआ, लेकिन ये वो सदी भी रही जो इतिहास के 2 सबसे बड़े युद्ध का गवाह बनी। तकनीक के इस विकास ने ही हमारे अस्तित्व को एक ऐसे टाइम बम पर बिठा दिया जो कब फटेगा किसी को नहीं पता। इस सदी ने यहूदियों के नरसंहार को देखा तो हिरोशिमा और नागासाकी की तबाही को भी देखा। अमेरिका का सिविल राइट्स मूवमेंट हो या इस्लामिक उग्रवाद ये सभी घटनाएं इस बीसवीं सदी में ही हुई।

आज 10 दिसंबर को दुनिया भर में मानव अधिकार दिवस यानि कि ह्यूमन राइट्स डे के रूप में मनाया जाता है। मानव अधिकार के मुद्दे पर इस बीसवीं सदी में ही कई आन्दोलन हुए जिन्हें कुछ हद तक सफलता भी मिली। अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत लोगों के अधिकारों की क़ानूनी लड़ाई, भारत में छुआछूत पर कानूनी रोक, महिलाओं को वोटिंग का अधिकार जैसी बड़ी घटनाएँ थी जो इस सदी में ही हुई। लेकिन आज भी समाज और दुनिया में धर्म, जेंडर, रंग और समाजिक वर्ग जैसे कई अलग-अलग स्तरों पर भेदभाव मौजूद है। मानव अधिकारों के मोर्चे पर लड़ाई अभी लम्बी है, जिसके जल्द ख़त्म होने के आसार नज़र नहीं आते। ह्यूमन राइट्स डे के मौके पर देखिये ये वीडियो और जानिये क्या है इसका इतिहास।

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