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नोटबंदी पर तस्वीरें अभी और भी हैं…

DELHI, INDIA NOVEMBER 11: Muslim men in the queue outside BOMBAY MERCANTILE CO-OP. BANK LTD., to exchange their old Rs 500 and 1000 notes in New Delhi.(Photo by Qamar Sibtain/India Today Group/Getty Images)

कमलेश भारतीय:

नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि बैंक की कतार में लगा हर व्यक्ति एक ‘सिपाही’ है और उन्होंने 500 व 1000 रुपए के नए नोट बदल कर, देश के अंदर एक प्रकार से कालेधन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की है। इससे पहले कश्मीर के पास पाक की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। मतलब यह कि देश के अंदर व बाहर दोनों मोर्चों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई। पहले देश की सीमा पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर विपक्ष, खासतौर पर कांग्रेस सवाल उठा रही थी, जिस पर भाजपा ने शहीदों पर सियासत न करने और सेना का अपमान कर उसका मनोबल न गिराने की बात कही थी।

अभी यह मुद्दा बहस का विषय बना हुआ था कि आठ नवंबर को देश के दो बड़े नोटों को बंद कर एक और सर्जिकल स्ट्राइक करने का दावा किया गया। मोदी ने 30 दिसंबर तक पचास दिन मांगे और लोग बैंकों व एटीएम की कतारों में लगे हैं। इसी बीच कई तस्वीरें सामने आईं। कहीं बैंक की कतार में ही लगे लोग दम तोडऩे लगे, तो कहीं बेटी की शादी के लिए पैसों का प्रबंध न होने पर कई बाबुल जान गंवाने लगे। बैंक की कतार में लगी महिला ने प्रसव पीड़ा शुरु होने पर वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। कभी लालू प्रसाद यादव ने अपनी बेटी का नाम ‘मीसा भारती’ रखा था इमरजैंसी के दौरान पैदा होने के कारण। अब पता नहीं यह महिला अपने बच्चे का नाम ‘नोटप्रसाद’ ही न रख दे।

खैर, अभी सबसे ताजा तस्वीर हरियाणा की है। दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित आईएसबीटी बस अड्डे पर हरियाणा रोडवेज के कंडक्टर सुंदर की मौत भी नोटबंदी के बाद कालेधन को सफेद बनाने के चल रहे घोटाले के बाद हुई है। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि हरियाणा रोडवेज के अधिकारी सुंदर पर 500 व 1000 रुपए के नोट बदलने के लिए दबाव बना रहे थे। इसके चलते उसके तीन बार कपड़े उतरवा कर तलाशी ली गई। इस अपमान व दबाव को सह न पाने के कारण सुंदर की हृदयगति रुकने से मौत हो गई। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि रोडवेज जीएम सुबह तीन बजे नोट बदलवाने के लिए पहुंच जाते हैं। इस घटना के बाद हरियाणा भर में रोडवेज की बसों का चक्का जाम किया और आखिरकार सरकार ने दिल्ली की रोडवेज जीएम रितु शर्मा को सस्पेंड कर दिया। कंडक्टर सुंदर के परिवार को सरकारी नौकरी देने की घोषणा के बाद हरियाणा रोडवेज की बसें सडक़ पर लौटीं। यह तो एक ही मामला उजागर हुआ, बाकी जगह सरकार की चौकसी पर सवाल उठ रहे हैं। पैट्रोल पंपों पर भी इसलिए पांच सौ का नोट बंद कर दिया गया। फिर टोल नाके पर दी गई फ्री की छूट अब वापिस ले ली गई। पहले 1000 का नोट और अब 500 का भी बंद कर दिया। सिर्फ बैंक में जमा करवा सकते हैं।

कोई कहां, किस तरह नोट बदलवा रहा है, कोई कतार में खाट-बिस्तर लगाए पड़ा है। कहीं पांच सौ रुपए की शादी से ही खुशी है, कहीं पांच सौ करोड़ रुपए भी कम पड़ रहे हैं। कहीं डांसर पर नए-नए नोटों की बारिश हो रही है, कहीं दुल्हन की आंखों से आंसू बह रहे हैं। कहीं 13,860 करोड़ रुपए का कालाधन कबूलने वाला बिल्डर 1500 करोड़ रुपए की आयकर किश्त न चुकाने पर फरार है। नोटबंदी के चलते यह सर्जिकल स्ट्राइक की गई है। अपना ही वेतन के लिए लंबी कतारों में कर्मचारी खड़े हैं। अब दुख, फिर सुख। सुख मिलेगा या नहीं दुख तो पा ही रहे हैं। सच एक ही बात कहते हैं: “न जुदा होंगे हम, कहीं खुशी, कहीं गम…”

लेखक परिचय:

लेखक कमलेश भारतीय हरियाणा ग्रंथ अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष रहे हैं। इससे पहले खटकड़ कलां में शहीद भगतसिंह की स्मृति में खोले सीनियर सेकेंडरी स्कूल में ग्यारह साल तक हिंदी अध्यापन एवं कार्यकारी प्राचार्य।  फिर चंडीगढ से प्रकाशित दैनिक ट्रिब्यून समाचारपत्र में उपसंपादक,  इसके बाद हिसार में प्रिंसिपल रिपोर्टर । उसके बाद नवगठित हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष बने। कथा समय मासिक पत्रिका का संपादन। मूल रूप से पंजाब के नवांशहर दोआबा से, लेकिन फिलहाल रिहाइस हिसार में। हिंदी में स्वतंत्र लेखन । दस संकलन प्रकाशित एवं एक संवाददाता की डायरी को प्रधानमंत्री पुरस्कार।

लेख आभार : haryanakhas.com 

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