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कैश नहीं था, OYO ROOMS ने मुझे रात 2 बजे बुक्ड रूम देने से मना कर दिया।

बड़े मियां-छोटे मियां एक फिल्म आई थी। गोविंदा और रवीना टंडन एक गाना गाते हैं, हर ज़माने में चलने वाला गाना। किसी डिस्को में जाएं… किसी होटल में खाएं… अब फर्ज़ करिए कि कैशलेस बन रहे भारत के दौर में अगर बोल ये होते कि किसी होटल में जाएं वहां रुकने के परपस से तो? पूछिए क्या होता? जनाब होता ये कि उन्हें दूसरे शहर जाना पड़ता, क्योंकि जिस शहर में वो गाना गा रहे थे वहां तो उनको होटल रुम नहीं मिलता..सॉरी।

जी अब भूमिका बांधने की साहित्यिक रिवायत को खत्म करते हुऐ असल बात सुनिए जो मेरे साथ हुई फिर आप समझ पाएंगे कि उपर लिखी बातें क्यों की गई। 2 दिसंबर, रात 1 बजे मैं और मेरा दोस्त आयन दिल्ली के करोल बाग के होटल पहुंचे। होटल का नाम था होटल ग्रैंड पीपल (HOTEL GRAND PEEPAL)। इस होटल में हमने एक कमरा OYO ROOMS के मोबाइल ऐप से बुक करवाया था। सवाल ये भी हो सकता है कि इतनी रात को होटल क्यों और खासकर जब इसी शहर में रहते हैं। जवाब ये है कि हमारे एक दोस्त के पिता जी बीमार थे बहुत ज़्यादा, गंगाराम हॉस्पिटल में एडमिट थें। और हॉस्पिटल में बस एक ही अटेंडेंट को रुकने की इजाज़त होती है। हालत ऐसी थी कि हमे भी कहीं आस-पास ही रहना था, क्योंकि मैं वैशाली रहता हूं, कोई ज़रूरत पड़ी तो आते-आते काफी वक्त लग सकता था। इन्हीं चीज़ों को सोचते हुऐ हमने, गंगाराम हॉस्पीटल से कोई 1.5-2 कीमी दूर एक रूम बुक कर लिया।

ऑटो लिया और वहां पहुंच गएं। रिसेप्शन पर जो सज्जन खड़े थें उनका नाम अब याद नहीं। उनको हमने OYO ROOMS की तरफ से बुकिंग कंफर्मड मैसेज दिखाया, और कहा कि हमें हमारा रूम दिखा दें। दिनभर की थकान और बुरी खबर के बाद बस कुछ घंटो की अदद नींद की दरकार उन्होंने हमारी आंखों में भाप लिया और मौका भुनाने का मौका देखकर बोले कि पेमेंट कैसे करेंगे। हमने कहा कार्ड से करेंगे या ऑनलाइन करेंगे। इसपर उनका सीधा कहना था कि अगर आप कैश में पैसे दे सकते हैं तो ठीक वरना हम रूम नहीं दे सकते।

अजीब सी बात थी, चिढ़ना लाज़मी था हमारा। हमने वही दुहाई दी जो शायद हममें से अधिकतर लोग देतें कि प्रधानमंत्री यहां कैशलेस होने की बात कर रहे हैं और आप कैश मांग रहे हैं। फिर उन्होंने कहा कि नहीं हमारे बकाये पैसै OYO ROOMS अभी तक नहीं दे पाया है जिसकी ऑनलाइन पेमेंट हुई थी तो मैं आपको रूम नहीं दे सकता। इसबार चिढ़ का लेवल अपार था। हमने कहा तुम्हारे आपसी लड़ाई में कस्टमर क्यों पिसे बेकार में।

होटल के रिसेप्शन वाले सज्जन

लेकिन शायद एक आखिरी तीर बची थी उसके पास जो उसने आखिरकार चला ही दिया। ID कार्ड दिखाओ, मैंने अपना पटना का ID कार्ड दिखाया और आयन ने दिल्ली का। उस वक्त उसने हमें बताया कि ऐसा रूल है कि जिस शहर में होटल है उस शहर के ID कार्ड से कोई रूम नहीं बुक की जा सकती है। मतलब कि हम दिल्ली के ID कार्ड से दिल्ली में रूम बुक नहीं कर सकते थे। मैंने कहा कि मेरे कार्ड पे इशू किया जाए रूम अगर ऐसी कोई दिक्कत है तो। और हम उसी में रह लेंगे। उसने फिर याद दिलाया हमें कि अगर आपके पास कैश होता तो इतनी दिक्कत ही नहीं होती।

इस पर चिढ़ से ज़्यादा खून खौलना लाज़मी था क्योंकि अबतक 1.30 बज चुके थे। हमने सोचा कि OYO ROOMS से बात की जाए। आयन ने फोन लगाया और बात शुरू हुई। पहले तो OYO वाले साहब ने कहा कि बिल्कुल मिलेगा रूम आपको। हमने सारी बात समझाई कि शायद उनके और होटल के बीच पेमेंट का कोई इशू है जिसके वजह से हमें रूम नहीं दिया जा रहा है। इसपर OYO ROOMS के प्रतिनिधी ने रिसेप्शनिस्ट से बात करवाने की बात कही। जब रिसेप्शनिस्ट ने बात करनी शुरु की तो सबसे पहली बात कही की नहीं कैश की बात नहीं हुई है। इनके पास इसी शहर का ID कार्ड है, और लग्गेज भी नहीं है। और ऐसे ही पहले भी हुआ था जब लोग आए थें दिल्ली के ID कार्ड से और सिर्फ लड़कियां ही लड़कियां ले आए थे रूम में। उधर से क्या बोला जा रहा था पता नहीं। फिर रिसेप्शनिस्ट ने हमें फोन वापस किया और OYO ROOMS के प्रतिनिधी ने हमें सलाह दिया कि हम उन्हीं के ऐप से कोई दूसरा रूम बुक कर लें। अबतक 2 बज चुके थे। और हम ऐसी स्थिति में थे कि कुछ नहीं कर सकते थें।

हमें पता नहीं था कि आखिर हमें रूम क्यों नहीं दिया गया। क्या कैश ना होने की वजह से? कैशलेस इंडिया में ऐसी परेशानी क्या जायज़ है? क्या इसका कोई लॉजिक है कि अगर एक ही शहर में रहें तो हमें होटल में रूम नहीं मिल सकता है? क्या इस बेतुकी का लेना देना कहीं से भी सुरक्षा से है? कुछ लोग कहते हैं कि इससे एक चीज़ अच्छी होती है कि अनमैरिड लोग होटल में रूम लेकरत नहीं रुक सकते? खैर ये लॉजिक देने वालों के लिए इस लेख में मैं कोई वक्त और जगह बर्बाद नहीं करना चाहता। लग्गेज ना होने से रूम ना दी जाए ये कहां की समझदारी है? अगर पूरा लेना देना कहीं से भी सुरक्षा से जुड़ा है तो माफ करिए जब हम होटल के अंदर गएं तो आपने एक बार भी हमारी चेकिंग नहीं की। रात के 2 बजे किसी इंसान को सड़क पर छोड़ देना ये कैसी बाते हैं? अगर ऐसा कोई नियम है भी तो ये साफ है कि ये सुरक्षा से ज्यादा मॉरल पुलिसिंग है और कुछ नहीं।

हां जो OYO ROOMS की पॉलिसी वाली पेज है उसमें ये कहा गया है कि अगर होटल चाहे तो जिस शहर में होटल है वहां के ID कार्ड पर रूम देने से मना कर सकता है। खैर मेरे पास तो ID कार्ड भी पटना का था। मुझे सरकारी कोई ऐसा रूल याद नहीं आता जहां लिखा हो कि कोई अनमैरिड कपल जो कि बालिग हैं वो एक साथ अपनी मर्ज़ी से किसी होटल में नहीं रुक सकते हैं।

जब ये लिख रहा हूं तो बहुत कारण मेरे ध्यान में नहीं आ रहा है कि क्यों एक इंसान को अपने ही शहर में कभी होटल में रुकने की ज़रुरत पड़ सकती है। मेरा कारण बहुत जायज़ था और ऐसे और कारण भी हो सकते हैं। खैर हमें उस रात एक दूसरे  होटल में कमरा मिल गया मेरी ही ID पर। लेकिन मेरी जगह कोई फैमिली होती तो परेशानी का आलम आप सोच सकते हैं। OYO ROOMS का रवैय्या भी सोचने पर मजबूर ज़रूर करता है। बाकी कैशलेस तो हो ही जाएंगे, जिस रफ्तार से टीवी पर कोई परेशानी नहीं होने की बात की जा रही है। कम से कम उम्मीद तो कर ही सकते हैं।

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