मलाला युसुफजई के साथ जो हुआ वो तो सब को याद ही होगा। उनको पढ़ने और पढ़ाने के लिए तालिबानियों ने गोली मारी थी। तब से उनकी लड़ाई आज भी जारी है।
फेसबुक पर कुछ दिनों से #Justice_for_Hina_Shahnawaz ट्रेंड कर रहा है। दरअसल 27 साल की हिना शहनवाज़ पाकिस्तान के कोहाट की रहने वाली थी, बीते 6 फरवरी को उनके ही चचेरे भाई ने उन्हें गोलियों से भून डाला। वजह सिर्फ ये थी कि हिना एम. फिल करके नौकरी करती थी लेकिन उनके रिश्तेदारों को उनका काम करना पसंद नहीं था।
हिना शहनवाज़ ने पिता को कैंसर की बिमारी होने के बाद नौकरी शुरु की थी। कुछ ही महीनों के बाद पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद हिना के भाई कि एक झगड़े में हत्या कर दी गई। अब भाई की पत्नी बच्चों और अपनी विधवा बहन की ज़िम्मेदारी भी हिना के उपर थी। वो इस ज़िम्मेदारी को निभा भी रही थी। लेकिन उनके रिश्तेदारों को ये पसंद नहीं था। हिना के रिश्तेदार नौकरी छोड़ने का दबाव बना रहे थे और जब वो नहीं मानी तो चचेरे भाई ने हीं 4 गोली दाग दिए।
पाकिस्तान में ऐसी घटना कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी कंदील बलोच को उसके भाई ने ही अपनी शर्तों पर जीने की वजह से मार डाला और बड़ी बेशर्मी से स्वीकार भी किया।