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उफ्फ, फेसबुक और वाट्सएप के इनबॉक्स में ज़बरदस्ती घुसने वालों की बातें

आप किसी को बस इतना भर ही जानते हैं कि आपने प्रोफेशनल संबंध होने के नाते अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में ऐड किया हुआ है। फेसबुक पर भी बार-बार फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर ये महानुभाव आपकी फ्रेंड लिस्ट में शामिल होने में सफल हो गये हैं। लेकिन डे-टुडे में उनसे आपका कोई इंटरैक्शन नहीं होता। लेकिन पुरुषों की यह प्रजाति गाहे-बगाहे आपको हैलो-हाय का मैसेज करती रहेगी। आपकी फेसबुक और वाट्स-एप डीपी को लाइक और कमेंट करती रहेगी, भले ही आप उनको कोई रिस्पॉन्स न दें वो अपनी कोशिशें जारी रखेंगे।

अगर, भलमनसाहत में कभी आपने उनके हैलो-हाय का जवाब दे दिया तो वो बल्लियों उछलने लगेंगे और उनकी हिम्मत और बढ़ जायेगी। उनका अगला ऑफर न केवल आपको हैरान कर देगा, बल्कि उनके मंसूबों को भी साफ कर देगा। अगर आप इस दौर से गुज़र चुकी हैं तो आप समझ गयी होंगी कि उनका अगला ऑफर क्या होगा। अगर नहीं समझी हैं तो मैं बता देती हूं, उनका अगला मेसेज होगा, “चाय पीने चलोगी?”

अरे भाई कोई उनसे पूछे भला मैं उनके साथ चाय पीने क्यों जाउंगी? उनसे मेरा लेना एक न देना दो पर ज़बरदस्ती तू कौन तो मैं कौन ख्वामख्वाह वाली बात। बाई गॉड की कसम समझ नहीं आता, इन चेप विदाउट टेप आशिकमिजाज़ मजनुओं को ऐसा लताड़ने का मन करता है कि अगली बार किसी लड़की या महिला को चाय का ऑफर देने से पहले दस बार सोचें। चाय पर तो ये ऐसे इनवाइट करते हैं, जैसे रिश्ते के लिए इनकी मम्मी ने चाय पर बुलाया है।

अगर आपमें से किसी के पास इस तरह के लोगों से निपटने का कोई फाड़ू आइडिया हो तो ज़रूर बताइयेगा, बहुत सी महिलाओं का भला हो जाएगा।

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