सरकारी नौकरियों व प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से संबंधित प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होने की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में बिहार एसएससी प्रतियोगी परीक्षा और सेना भर्ती परीक्षा में हुआ पेपर लीक, इसकी पुष्टि करते हैं। यह वाकई चिंताजनक है।
सवाल उठना स्वभाविक है, क्या सरकारी सेवाओं व शिक्षण संस्थानों में नकल के मार्फत सफल होने वाले अयोग्य व्यक्ति अपने पद की गरिमा का महत्व समझेंगेॽ क्या इन अयोग्य व्यक्तियों के चुने जाने से मेहनतकश छात्रों व प्रतियोगियों का मनोबल नहीं गिरेगाॽ ऐसे ही और भी कई सवाल हैं जिनके संतोषजनक जवाब तभी मिलेंगे जब यह सब बंद होगा।
शुरुआती जांच-पड़ताल में यह बात सामने आ रही है कि इन मामलों में कई बड़े पदाधिकारियों का हाथ रहा है। निश्चित तौर पर इन बड़े अधिकारियों की संलिप्तता के बिना यह सब संभव ही नहीं था। सेना भर्ती परीक्षा पेपर लीक के मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने कुछ सेना अफसरों को गिरफ्तार किया है और जांच आगे चल रही है। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही यह जांच पूरी होगी और इसके लिए जिम्मेदार अफसरों को उचित सजा दी जायेगी।
हैरान करने वाली बात ये है कि इस प्रकार के मामलों में कुछ निजी कोचिंग संस्थानों का हाथ होने की बात भी सामने आई है। ये कोचिंग संस्थान अपना बेहतर रिकॉर्ड छात्रों के सामने पेश करने के लिए इस प्रकार की आपराधिक गतिविधियों का हिस्सा बन रहे हैं। अपना बेहतर रिकॉर्ड छात्रों के समक्ष रखने से इन्हें भारी-भरकम फी वसूलने में मदद मिलती है। ऐसे में यह ना केवल छात्रों के साथ छलावा है बल्कि देश की युवा पौध बेकार भी हो रही है। इसलिए, इनके दोषी पाये जाने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि आगे ऐसा करने की सोचने वालों को कानून से कड़ी सजा मिलने के डर का आभास हो सके।
देश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में शिक्षा का बढ़ता नीजिकरण, गुणवत्ताहीन मिल रही शिक्षा व आवश्यक सुविधाहीन शिक्षण संस्थान जैसी ढ़ेर सारी खामियां हैं। इन खामियों से निपटने के लिए सरकार नई शिक्षा नीति भी लाने को है। निश्चित तौर पर देश की जरुरतों के हिसाब से नई शिक्षा नीति देना सरकार के एक लिए एक चुनौती है। अब यह समय ही बतायेगा कि सरकार इन चुनौतियों पर कितनी खरी उतरती है। ऐसे में यह देखना भी दिलचस्प होगा कि इसमें पेपर लीक होने की बढ़ती जा रही समस्या से निपटने के लिए क्या प्रावधान किये जाते हैं!