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भगत सिंह के नाम एक चिठ्ठी.

प्रिय भगत,
कैसे हो, आशा करता हु सब सुखी संधि होगा,हुसैनीवाला के शमशान में खाना पानी तो बढ़िया मिलता है न, तुम ही पागल थे जो कहते थे मैं नास्तिक हूं भगवान को नही मानता ।
तो इसीलिए तुम्हारी राख भी यही मिटटी में मिल गयी, नहीं तो कर्मो के आधार पर आज एयर कंडिशन्ड स्वर्ग में तुम्हारा सिलेक्शन होता ।

भले ही आपकी फांसी की रस्सी 86 साल पुरानी हो गयी,पर तुम तो फिर भी जवान लगते हो,वही पगड़ी वाली या कैप वाली फोटो। आज सुबह से ही तुम्हारी फोटो देख रहा हूँ, हर किसी के फेसबुक वाल पर, और खूब बड़ी बड़ी शायरियां ,मानो ये देश तुम्हारा ओरिएंटेशन डे वाला प्यार हो ।

पर यह देखके बहुत दुःख हुआ कि तेरी लिखी एक भी बात किसी ने भी शेयर नहीं की। तेरे नास्तिक वाला आर्टिकल , साम्प्रदायिकता का हल वाला लेख तुम्हारे घर वालो को लिखे पत्र आदि सब के सब उन म्यूजयिम में ही पड़े है।

पता है हमारे देश के ऐसे नेता भी तुम्हारी क्रांति की तारीफ़ करते है जिनके दादा तुम्हे भड़काने वाला असामाजिक तत्व कहते थे, या फिर तुम्हारी ही जेल में बंद थे पर वो जेलर और कोर्ट को लव लेटर लिख कर जमानत पर बाहर आ गए थे।आज वो बच्चे भी तुम्हे याद कर रहे है जो लोगो को मंदिर मस्जिद के नाम से लड़ाते है ।

यार पता है तेरे जाने के बाद ये देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश बन गया था। पर इसके बावजूद लोग आजादी और आरक्षण एक साथ मांगते है । और हाँ तुम्हारी ही तरह एक इरोल शर्मीला नाम की औरत थी जो 16 साल तक लोगो के हको के लिए भूखी रही पर चुनाव में उसको सिर्फ 90 वोट ही मिले। यहाँ इतना बड़ा लोकतंत्र है कि एक ग़ुलाबी नोट और 3 पैग पिलाकर आदमी की 5 साल की ज़िंदगी खरीदी जा सकती है ।
तेरे उन फैन लोगो की तो क्या ही बात बताऊ, जिस बाइक या गाडी में तेरी फोटो हो वो तो तेरे मुल्क की बेटियों को बडी इज़्ज़त से छेड़ते है, पैग लगाकर कहते है मैं फैन भगत सिंह दा, जेड़ा नही सी गुलामी करदा ।।

तूने कहा था चिट्टा(सफ़ेद) शांति का प्रतीक है,उसकी आज कल पंजाब के युवा लोग बहुत पसंद करते है, चिट्टे(हीरोइन) से इतना प्यार करते है कि हर दिन 5 या 6 लाशें पंजाब से सिर्फ इस नशे के कारण उठती है।वो उज्ज्वला योजना के तहत चूल्हे जलाने बंद हो रहे है लेकिन इस चिट्टा योजना के तहत शमशान जलने बहुत ज्यादा हो चले है,मेरे भी पिछले साल ही अबोहर वाले मौसाजी को ओवरडोज़ और गुरुसर मोडिया वाले मामा के लड़के को न मिलने से उसी योजना के अंतर्गत तेरे पास आने वीज़ा और टिकट मिली है।

एक और खुशखबरी ,अपने मुल्क की सरकार ने 12वी तक की किताबो में तेरे नाम की एक लाइन छापी है और कहा है भगत सिंह और दो साथियों को अंग्रेजी शासक सांडर्स की हत्या के आरोप में फांसी दी गयी।

पता है भगत आजकल तुम्हारी चर्चा साल में तीन बार होने लगी है, पहले तो जन्मदिन या शहीद दिवस को होती थी, अब भारत के लोग तुझे वेलेंटाइन पर भी याद करते है। अब ये मत पूछना क्यों करते है।

तेरी दीवानगी का एक और प्रमाण देता हूं , तेरी एक वो फोटो थी ना गेट से बाहर आते की जिसमे तेरे हाथ में पिस्तौल थी, वो बहुत ज्यादा सार्थक साबित हो रही है , वह फोटो खासकर पंजाब के तो हर घर में है और आजकल जनसँख्या कम करने में सहयोग कर रही है।

अब एक काम करना भगत, जब इस बार ट्रम्प या यूएन का कोई बंदा इंडिया आये तो साफ़ साफ़ कहना की मेरे मुल्क के सभी सवा सौ करोड़ फैन मुझे शहीद कहते है पाकिस्तान में भी मुझे काफी जगह शहीद कहा जाता है ,प्लीज़ आप मुझे ऑफिसियल शहीद का दर्ज़ा दे दे जो पिछले 86 साल से मुझे आप देशद्रोही कहते आ रहे है। पीएम साब ने तुम्हारी बात नहीं सुनी थी पर उनको सुनाने तुम एक बार और पार्लियामेंट में बम मत गिरवा देना, दिल्ली पुलिस स्ट्रिक्ट बहुत है ।

अब तुम दुखी मत होना क्योंकि तेरे वक्त में तो सिर्फ कैदियों को ही अच्छा खाना नहीं मिलता था, आज कल तो फौजियों को भी बिन मसाले और नमक की दाल जली रोटी के साथ मिलती है या फिर उन्हें भूखा रहना पड़ता है ।

आजकल किसान को भगवान से बहुत प्यार है शायद इसीलिए वो अपने पास बुला लेता है ओह सॉरी तुम्हारे अनुसार भगवान तो होता ही नही है, मुल्क के किसान की आमदनी का आलम तो मुझसे मत ही पूछो । तुम्हारे बगल में कोई आज ही किसान को जलाया होगा ।
ये अमीर लोग कर्ज़ा नहीं चूका पाते तो देश छोड़ देते है ,किसान कर्ज़ा नही चूका पाता तो जिंदगी छोड़ देता है।

और रही बात तेरे विचारो की तो वो छोड़ो, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद और इंक़लाब ज़िंदाबाद बोल दिया तो लोग आर्ट फैकल्टी पर बुलाके तुम्हे आज़ादी दे देंगे,
इस बार तो बस मंदिर बनेगा , और हाँ वही बनेगा मजदूर ज्यादा बहुत दे दिए जनता ने।
तुम्हे पत्र और किताबे पढ़ने और लिखने का बहुत शौंक है हा तो इसका जवाब भी देना।

ठीक भगत
गुड नाईट और
भारत माता की जय।
तेरे जवाब के इंतज़ार में,
हरेंद्र सिंह ।

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