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स्कूल के ‘पक्का दोस्त’ लोग का कहानी है ‘ले लोट्टा’

‘ले लोट्टा’ धनबाद में बनी एक छोटी बजट की ऐसी फ़िल्म जो आज के आम युवा टीनएजर की कहानी को बयान करती है। फिल्म फ्लक्स प्रोडक्शन के बैनर तले, मनीष मित्रा के द्वारा यह फिल्म बनाई गई है। आज का युवा अपनी स्कूल/कॉलेज की ज़िंदगी में जैसे जीता है, यह फिल्म इसी चीज़ को दिखाती है।

इस फिल्म से जुड़े हर एक किरदार ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है। बस कुछ एक दो किरदारों को छोड़कर फिल्म का नाम जिस हिसाब से रखा गया है, उस हिसाब से कहानी भी है। फिल्म में आम युवा के ज़िंदगी से जुड़े हंसी-मज़ाक, प्यार-मोहब्बत, लड़ाई-झगड़े और पारिवारिक परिस्तिथि वो सब कुछ है, जो एक आम टीनएजर युवा की ज़िंदगी में आम तौर पर होता है।


धनबाद में फिल्म बनी, तो धनबाद के ही स्कूल/कॉलेज में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों ने काम भी किया। फिल्म में जिगर (सागर मिश्रा), मोटका (विवेक इंद्रगुरु), बुढ़वा (अमन गुप्ता) का किरदार लोगों का काफी मनोरंजन करेगा और प्रभावित करेगा। इन्होंने काफी मज़ाकिया, गंभीर और सराहनीय अभिनय किया है। इसके अलावे फिल्म में शौर्य (सौरभ सिंह), सौम्या (साहिल सिंह), काजल (स्वीटी तिवारी), नरेश सीवी, डॉ सुरेश रॉय, सबीना आदि कलाकारों ने काम किया है। इन्होंने भी अपना किरदार बखूबी निभाया है।

यह फिल्म रिलीज़ से पहले कई फिल्म फेस्टिवल में भी नामांकित हो चुकी है। पटना फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को कई अवार्ड्स भी मिले।बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट ऑन असेम्बल कास्ट का अवॉर्ड पटना फिल्म फेस्टिवल में मिला। इसके अलावा लंदन फिल्म फेस्टिवल के लिए भी यह फिल्म चुनी गई।

फिल्म का म्यूजिक भी आज के दौर का है। इस फिल्म में म्यूजिक दिया हैं विष्णु मिश्रा और अमित कच्छप ने। लेखक निर्देशक व प्रोड्यूसर मनीष मित्रा ने काफी कम बजट में एक अच्छी और मनोरंजक फिल्म बनाई है। इस फिल्म को बनाने से पहले मनीष तीन चार सालों तक मुम्बई में कई छोटी-छोटी फिल्मों में सहायक निर्देशक के तौर पर काम करते रहे। फिर जब धनबाद आए तो यहां के युवा की आम ज़िन्दगी को लेकर ‘ले लोट्टा’ बनाई।

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