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DU के भीमराव अम्बेडकर कॉलेज से अच्छी खबर

दिल्ली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में जिस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा है वो आप जानते ही हैं। वहीं यूनिवर्सिटी के भीम राव अम्बेडकर कॉलेज में भी स्टूडेंट धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन मुद्दा और मामले अलग हैं। कॉलेज में सभी स्टूडेंट्स लैपटॉप, वाईफाई, महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण, कॉलेज के पास धूम्रपान मुक्त वातावरण, कैन्टीन में खाने की समस्या और सबसे जरुरी ज्योग्राफी और मीडिया डिपार्टमेंट के लिए लैब की मांग को लेकर प्रशासन के खिलाफ धरना दे रहे हैं।

विरोध प्रदर्शन करते छात्र

धरना प्रदर्शन के दौरान स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रशासन व प्रिंसिपल के खिलाफ नारेबाज़ी की। कॉलेज के छात्रसंघ के अध्यक्ष मनीष इक्कानिया ने बताया कि हमारी यूनियन पिछले छः महीने से प्रशासन को कॉलेज की समस्याओं को लेकर नोटिस दे रही है लेकिन किसी प्रकार की कोई भी सुनवाई नहीं हो रही थी। हमने धरना प्रदर्शन को लेकर भी प्रशासन को नोटिस भेजा था लेकिन प्रशासन ने हमारी मांगों व बातों को गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण हमें प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करना पड़ा।

कॉलेज के मीडिया विभाग के छात्र अतुल ने बताया कि इस कॉलेज में पिछले 25 सालों से मीडिया की पढ़ाई हो रही है लेकिन अभी तक मीडिया जैसे विषय की जानकारी बिना लैब के दी जा रही है। पिछले कई सालों से कॉलेज को इसके बारे में बताया जा रहा है लेकिन कॉलेज प्रशासन व प्रोफ़ेसर इस पर कोई भी ध्यान नहीं देते है। अतुल ने बताया कि हम जब भी कही इंटर्नशिप के लिए जाते हैं तो हमारा वहां पर मज़ाक बनाया जाता है कि तुमने कॉलेज में क्या सीखा है।

ज्योग्राफी डिपार्टमेंट की छात्रा ज्योति ने बताया कि हमारे कोर्स में GIS नाम के सोफ्टवेयर की बहुत ज्यादा जरुरत पड़ती है। 20 लाख रुपए का ये सॉफ्टवेयर कॉलेज में पिछले तीन साल से लाकर रखा हुआ है लेकिन अपडेट की वजह से ये बंद पड़ा हुआ है। जिससे प्रैक्टिकल नॉलेज के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा।

विरोध प्रदर्शन करते छात्र

यूनियन के उपाध्यक्ष अक्षय नागर ने बताया कि पिछले साल मीडिया डिपार्टमेंट की छात्रा निशा के हाथ पर कॉलेज के पास बने फ़्लाईओवर के पास कुछ बाहरी लड़कों ने ब्लेड मार दी थी। जिसकी वजह से हमने कॉलेज को लड़कियों के लिए प्रोटेक्शन की मांग रखी थी। जिसको कॉलेज ने बहुत ही हल्के में ले लिया था।

अक्षय ने बताया कि कॉलेज में पिछले कई दिनों से पीने का बहुत ही गन्दा पानी आ रहा है, शौचालय बहुत ही गंदे पड़े रहते है, कंप्यूटर लैब में क्लासेस चलाई जाती है जिसकी वजह से स्टूडेंट्स लैब का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं, कॉलेज के ग्राउण्ड को किराये पर अकादमी वालो को दे दिया गया है जिसकी वजह से कॉलेज के स्टूडेंट्स उसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।

कॉलेज प्रशासन की तरफ से प्रिंसिपल जी. के. अरोरा ने सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ कॉलेज के ऑडिटोरियम में सभी स्टूडेंट्स के सामने मीटिंग करी। प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स की सभी मांगों को मानते हुए अपनी व प्रशासन की गलतियों को भी माना है।

युवाशक्ति आज कल पूरी तरह से प्रशासन पर हावी होती दिख रही है। ये भविष्य के लिए बहुत ही शुभ संकेत हैं। आखिर कॉलेज के पास लड़किया सुरक्षित नहीं महसूस करेंगी तो बाहर किस कदर सुरक्षित महसूस करेंगी? आखिर बिना लैब के स्टूडेंट किस तरह मीडिया का सही अध्यन कर पाएंगे?

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