मूल आदिवासी युवा संगठन दांता तहसील ने कल उच्च माध्यमिक विद्यालय हडाद में समाज सुधार बैठक का आयोजन किया | पिछले कई सालो से कार्य कर रहे समाज कर्मचारी वर्ग द्वारा बदलाव न आने से जागरूक युवा ने समाज सुधार की कमान को अपने हाथ लिया | समाज सुधार के लिए छोटी छोटी कई बैठक करके कल बड़ी बैठक हुई | कार्यक्रम में दांता तहसील मामलतदार बी.एम.खराड़ी एवं नायब मामलतदार हकूभाई कोदरवी तथा आदिसमाज जिला प्रमुख एवं कई पंचायत के सरपंच तथा वार्डपंच और साथ ही अम्बाजी के सुप्रसिद्ध लोकगायक निलेश भी शामिल हुए | कार्यक्रम की शुरुआत सभी के स्वागत से हुई | स्वागत प्रकिया बाद मूल आदिवासी युवा संगठन के मंत्री खराड़ी करण भाई ने शादियों में होनेवाले खर्च के लिए बनाये नियमो को सबके समक्ष रखा और सभी से निवेदन किया की इन नियमो का पालन करे | कार्यक्रम में आये गणापीपली सरपंच सुशीला ने महिलाओं को गुंगट प्रथा से जुडी बात करते हुए कहा की मुझे गर्व है की मैं आदिवासी हूँ | मैं खुद एक महिला हूँ और मैं जानती हूँ की घर तथा समाज में महिला के साथ कैसा व्यवहार होता है,और निवेदन किया कि समाज के लिए बने नियमो का लागु करने हेतु खुद को बदले | उच्च माध्यमिक विद्यालय हडाद अध्यापक ने कहा की आप अपने बच्चो की शिक्षा पर ध्यान नहीं देने से सभी समस्या आ रही है | अगर समाज शिक्षित होगा तो इस तरह बैठक करने की आवश्यकता भी नहीं होगी | आदिसमाज जिला प्रमुख ने कहा कि समाज सुधार के लिए युवा को आगे आने कि जरुरत थी अब आये है तो जरूर बदलाव होगा | युवा संगठन के राजेश ने नशे से जुडी कहानी को प्रस्तुत कर इसे भी दूर करने का आहवान किया | कार्यक्रम अध्यक्ष हकूभाई कोदरवी ने समाज सुधार के नियमो को विस्तार से बयां किया | और मूल आदिवासी युवा संगठन का जितना हो सके सहयोग करने की इच्छा जाहिर की तथा कहा की पहले ये कमान हम कर्मचारी वर्ग के हाथ में थी | गांव और समाज में बैठक बहुत कम कर पाते इस वजह से परिणाम सही नहीं मिल पाता था | लेकिन अब ये बेडा जब हमारे युवा ने उठाया है तो इसमें सुधार की पूरी संभावना है | जागरूक युवा मुकेश सोलंकी ने बताया की वे आदिवासी समाज के युवाओ को निशुल्क आने वाले माह से प्रतियोगिता परीक्षा की कोचिंग करवाएंगे | निलेश बुंबडिया ने अपने भजन ” तू रंगाई जाने रंगमा ” से लोगों को मनोरंजित किया एवं लोगों को समाज सुधार में रंगने की अपील की | इस तरह कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ एवं करीब 400 से भी अधिक लोगों की उपस्थिति रही | रिपोर्ट – आदिवासी विनोद
Youth Ki Awaaz is an open platform where anybody can publish. This post does not necessarily represent the platform's views and opinions.