आज ही नही आज से पहले भी सरकारो ने किसानो की बात नही सुनी मध्यप्रदेश् में किसानो ने पानी में “जल सत्याग्रह” किया तो शिवराज सरकार चुप रही किसानो के पैर गल गए वहाँ उनसे मिलने या उनकी सुनने कोई अधिकारी या नेता नही गया था, उनसे मिलने भारत का कवि “डॉ. कुमार विश्वास” गया था!
जब इन किसानो के नग्न होने की खबर सुनी तो दिल बैठ सा गया, क्योकि मैंने भी मेरा बचपन यही गुजारा है गर्मी के दिनों में सूखे पड़े खेतो में खेलकर तो सर्दियो में गेहू, सरसो में मम्मी पापा के साथ पानी देकर, मैं मेरा बचपन ढूंढता ही रह गया जब ज्ञात हुआ मुल्क के PM और सन्सद के सामने किसान कपड़े उतारने को मजबूर हो गया!
जब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतन्त्र किसान के रूप में नग्न हो रहा था तब सबसे बड़े लोकतन्त्र का PM ऑस्ट्रेलिया के PM के साथ सेल्फ़ी ले रहे थे। वो इस बात से पूर्ण से अनभिज्ञ हैं की उनके देश की “मेट्रो रेल” और “अक्षरधाम मन्दिर, दिल्ली” की खूबसूरती दिखा रहे थे उसी वक्त मेरे देश में लोकतन्त्र की धज्जियां उड़ रही थी।
कोई यूँही नंगा नही हो जाता, यह बात उनसे पूछना जिन्होंने कभी आंदोलन किया हो या भूख हड़ताल की हो… लेकिन किसान 28 दिन प्रदर्शन करने के बाद साउथ ब्लाक स्थित PMO के आगे नग्न होकर प्रदर्शन करने को मजबूर हो गए! जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
दूसरी और सरकारो की मूक बधिर स्थितियों पर ढाल बनकर आगे आने वाली पुलिस बयान में बोल रही है की किसानो पर कोई कार्रवाई नही हुई! हर बार यही होता है किसान हर मोड़ पर हार मानने को मजबूर होता है और सरकारे किसानो पर आदेश जमाती हुई नजर आती है।
एक शांतिप्रिय प्रदर्शन और सम्मानजनक परिणाम की आशा में….
Bittu Meena AB