देश में कई सम्प्रदाय समाज और वर्ग का वर्चस्व हैं और इन्ही समाज में एक समाज हैं दिव्यांग समाज हाँ ठीक पहचाना वही जो आपको मंदितो में स्टेशनों पर और कई सार्वजनिक स्थानों पर जीवन से सँघर्ष करते मिल जायेंगे, हाँ वही जो।अरुणिमा सिन्हा शुभ्रा कौर इरा सिंघल बन कर देश का नाम रोशन कर रहे हैं ऐसे ही एक दिव्यांग नेता हैं दिल्ली के देव शर्मा हाँ वही जिन्हें मैंने रॉबिनहुड कहा हैं
देव शर्मा से मैं 2015 में दिल्ली के जंतर मंतर में एक आंदोलन में मिली थी सच मानिए दंग रह गयी मैं ऐसे व्यक्ति से मिलकर जो पल भर में आपके ऊपर हावी हो जाये और आत्मस्वाभिमान ऐसा की सलाम करने को दिल करे आँखों पर काला चश्मा शरीर पर एकदम कूल सा शर्ट चार सहायक साथ में दमदार आवाज और विन्रमता इतनी की दिल में जगह बना लें ,
कुछ और भी जान ले इनके बारे में उत्तरप्रदेश के फ़ैजाबाद के मूल निवासी देव शर्मा ने आईटीआई की हैं एल जी जैसी प्रतिष्ठित कम्पनी में जॉब कर चुके हैं और विकलाँगो की लड़ाई लड़ने के लिए पिछले 6 साल से लगे हैं इनके पिता जी आर्मी में कार्यरत हैं तो माता जी एक प्रशिक्षण संस्थान की संचालिका हैं छात्र जीवन से ही ये कई संगठनों से जुड़े रहे ये नागरपालिका चुनाव भी लड़ चुके हैं देव शर्मा जी से कही मिलिए आपको साथ में उनकी धर्मपत्नी मिल जायेगी एक दम प्यारी और मासूम सी पर कंधे से कंधा मिला कर चलने वाली तेज तर्रार, विकलांगो के लिए देव शर्मा ने एक संगठन बनाया हैं पूरा नाम मुझे नही याद पर वो NPDRD हैं जो देश के कई राज्य में लाखों विकलांगो से जुड़ा हुआ संगठन हैं हर समाज के नेताओं की तरह इन पर भी आंदोलनों के दौरान कई मुकदमे हुए हैं जब मैंने पूछा डरते नही आप हँसते हुए जबाब दिया की डरना किस बात मरना सबको हैं फिर मरने से पहले डर कर क्यों मरें , ये नेता औरो से अलग हैं अपनी शारीरिक चुनौती को ऐसे नजरअंदाज करके ठसक के साथ रहने वाले इस तेज तर्रार नेता को मैं विकलांगो का रॉबिन हुड ही मानती हूँ आप भी कभी मिले आपको भी ऐसा लगेगा, मेरी शुभकामना ऐसे जबांज सिपाही को ….