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“सूरत की वह महिला जिससे एड्स की वजह से लोग बात नहीं करते”

भारत के बढ़ते विकास को देखते हुए अक्सर गर्व महसूस होता है। लेकिन बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में बढ़ती बीमारी और उसकी जानकारी के अभाव को देखते हुए ये लगता है कि कही यह देश के विकास में अवरोधक ना हो। अगर हम कुछ गंभीर बीमारियों के बारे में बात करें, तो अक्सर ज़िक्र होता है टीबी, कैंसर और एड्स जैसी बीमारियों का। इन सबमें सबसे ज़्यादा खतरनाक और जानलेवा बीमारी है HIV से होने वाला एड्स। यह एक ऐसी बीमारी है जो व्यक्ति में  रोग  प्रतिरोधक क्षमता को नष्ट  केर देती है  जिससे व्यक्ति का शरीर दिन ब दिन कमज़ेर होता जाता है।

HIV Sentinel Surveillance (HSS) डाटा के अनुसार भारत में लगभग 2.4 million लोग  एड्स से ग्रसित है, लेकिन फिर भी लोग उसके लक्षणों और होने के कारणों  से अनजान है उनको लगता है  किसी के पास बैठने, उसके साथ खाना खाने या छूने से एड्स होता है। बहुत से बहुत सिर्फ इतना ही जानते है की एक या एक से अधिक व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्धों से एचआईवी  होता है। आज भी लोगों में जानकारी न होने की वजह से इस बीमारी का खतरा और भी बढ़ता जा रहा है।

अभी हाल ही की मैं एक घटना बताती हूँ मैं एक विवाह में शामिल हुई थी। वहां मैं एक महिला से मिली जो गुजरात के सूरत ज़िले की रहने वाली थी। मैंने देखा उस समारोह में उस से बात करने वालो की संख्या और उनके साथ उठने बैठने वालों की संख्या बहुत ही कम थी। मैंने उनसे पूछा ऐसा क्यों, उन्होंने मुझे बताया उन्हें एड्स है। और कुछ वर्ष पहले उनके पति की मृत्यु भी एड्स के कारण ही हुई थी। उनके पति को ये बीमारी हुए काफी दिन हो चुके थे और उसी समय जब इस भय के कारण उनकी भी जाँच कराई गयी तो उनको भी HIV पॉज़िटिव पाया गया। पर अभी भी लोग बराबर भेदभाव कर ही रहे हैं। उन्हें आज भी लगता है की अगर उस महिला के पास खड़े होंगे या बैठेंगे तो लोग क्या कहेंगे। आश्चर्य की बात तो ये है कि आज भी उन्हें ये नहीं पता कि उनको और उनके पति को एड्स कैसे हुआ?

एड्स होने के कई कारण हैं जैसे असुरक्षित या एक से अधिक व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध, HIV से ग्रसित व्यक्ति पर प्रयोग हुए इंजेक्शन को किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर पर प्रयोग करने से, एड्स से संक्रमित खून प्राप्त करने से, HIV  ग्रसित माँ से होने वाले बच्चे को, ग्रसित माँ के दूध से, दाढ़ी काटते समय या टैटू बनवाते समय इस्तेमाल किये जाने वाले ब्लेड अन्यथा कोई सामग्री जो विषाणु से संक्रमित हो। इन बातों को अक्सर ध्यान में रखना चाहिए जिसको लोग अनदेखा कर देते हैं।

राष्ट्रीय एड्स कंट्रोल सोसाइटी जैसी बड़ी संस्था इस बीमारी की रोकथाम के लिए बहुत योगदान कर रही है लेकिन फिर भी, इसकी रोकथाम के बारे में अभी भी लोगो में जानकारी का अभाव है, आज भी लोग इसके उपचार पर भले ही ध्यान दे दे, लेकिन यह बीमारी क्या है और कैसे होती है इसे समझना ही नहीं चाहते इस दिशा में अभी भी बहुत काम करने की ज़रूरत है।

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