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उत्तर प्रदेश से पहली नज़र वाले इश्क की एक खूबसूरत कहानी

नफरतों का दौर भी आता है कोई लेकिन मुहब्बत तो इंसान की फितरत है। जिस दौर में एंटी रोमियो स्क्वॉड के उत्पात की खबरें भीतर के मुहब्बत के कोने को खौफज़दा कर जाती है उसी दौर में इश्क में डूबे कुछ बेफिक्र लोग भी होते हैं जिनका मुस्कुराता प्रेम अापको सुकून दे जाता है।

उत्तर प्रदेश के झांसी के बलराम और विनीता ने जब एक दूसरे को देखा तो अचानक से प्यार हो गया। और जब इश्क की रज़ामंदी हो तो कहां कोई बंदिश मुश्किल नज़र आती है। विनिता 7 साल पहले से शादीशुदा तो थीं लेकिन अपने मायके ही रहती थींं। अब इस शादी में इश्क से परहेज़ करने वाले समाज ने कितनी खलल डालने की कोशिश की होगी वो शायद लिख के भी क्या ही बयां हो पाए। कहते हैं कि इंसान इश्क में खुदा हो जाता है और शायद खुदा की मुस्कुराहट भी बलराम और विनिता की हंसी की तरह ही रूह को सुकून पहुंचाती होगी। इन दोनों को सुनिए, देखिए और मुहब्बत बांटिये।
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