धर्म की वास्तविकता या अर्थ का पता लगाने से पहले यह पता लगाना जरुरी हैं , की धर्म का सार क्या हैं धर्म के मूलभूत तत्व क्या हैं ,धर्म की परिभाषा सभी ग्रंथो में समान हैं. धर्म कभी भी किसी गलत मार्ग पर आपको आगे नहीं बढ़ने देगा. आपकी चेतना आपका सबसे बड़ा धर्म हैं. यह आपको कभी भी अनुचित कार्य नहीं करने देगी.
आजकल लोग धर्म को लोग दिखावटी ,ढोंग के रूप में प्रदर्शित करने लगे हैं. हर धर्म से जुड़े कुछ प्रतीक होते हैं , उन सभी की अपनी महत्ता होती हैं. किसी भी व्यक्ति या धर्म से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति को कोई हक़ नहीं की वह उसका मजाक उड़ाए उनका अपमान करे.
तीसरा बात ये की आपका धर्म आपकी चेतना आपकी श्रद्धा ,आस्था का प्रतीक हैं ,उसे सोशल नेटवर्किंग साइट का हिस्सा न बनाये। धर्म बहस या वाद विवाद का विषय नहीं हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात आप स्वतंत्र हैं अपने धर्म के प्रचार के लिए ,पर दुसरे धर्म के रीति रिवाजो मूल्यों का उपहास नबनाये।