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जानिए भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को

72 वर्षीय रामनाथ कोविंद को भाजपा ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। बेहद लो प्रोफाइल मेंटेन करने वाले रामनाथ कोविंद वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं। 1991 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले कोविंद विवादों से दूर ही रहे हैं। वह लंबे समय तक भाजपा के प्रवक्ता रहे, लेकिन कभी भी उन्हें टीवी स्क्रीन पर नहीं देखा गया। वह राज्यसभा के सदस्य और आधा दर्जन कमेटियों के प्रमुख भी रह चुके हैं।

भाजपा के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और अमित शाह

कोविंद दलित समुदाय से हैं और माना जा रहा है कि भाजपा ने उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर दलित कार्ड खेला है। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि बातौर वकील वह दलितों का केस मुफ्त लड़ा करते थे।

1 अक्टूबर 1945 में उत्तर प्रदेश के कानपुर के परौंख गांव में जन्मे कोविंद आइ.ए.एस. बनना चाहते थे। उन्होंने तीसरी कोशिश में परीक्षा पास भी की लेकिन आइएएस उन्हें नहीं मिला, तो उन्होंने वकालत के क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला किया। करीब डेढ़ दशक तक दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के बाद सन 1991 में वह भाजपा में शामिल हो गए।

15 अगस्त 2015 को केसरीनाथ त्रिपाठी को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाए जाने के बाद रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल बने। अगर रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बन जाते हैं तो वह दूसरे व्यक्ति होंगे जो बिहार का राज्यपाल बनने के बाद राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करेंगे। भारत के तीसरे राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन भी राष्ट्रपति बनने से पहले बिहार के राज्यपाल थे। 6 जुलाई 1957 को आर.आर. दिवाकर के राज्यसभा में जाने के बाद जाकिर हुसैन को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था। ज़ाकिर हुसैन 11 मई 1962 तक बिहार के गवर्नर रहे। 13 मई 1962 को उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया गया।

यहां यह भी बता दें कि अब तक बने राष्ट्रपतियों (13 राष्ट्रपति और 3 कार्यवाहक राष्ट्रपति) में ज़ाकिर हुसैन को छोड़ दें, तो तीन लोग राष्ट्रपति बनने से पहले राज्यपाल रहे। बी.डी. जट्टी कार्यवाहक राष्ट्रपति बनने से पहले ओडिशा के राज्यपाल थे। वहीं शंकर दयाल शर्मा 1992 में राष्ट्रपति बनने से पूर्व महाराष्ट्र, पंजाब व आंध्रप्रदेश के गवर्नर रहे। प्रतिभा पाटिल वर्ष 2007 में राष्ट्रपति बनने से पहले राजस्थान की गवर्नर थी।

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