जबतक चल सकता था चला लिए, अब हमसे नहीं होगा, अगर अब भी सरकार चलाते तो मेरे वसूलों के खिलाफ होता, मेरी व्यक्तिगत राय के बदले मुझपर गलत आरोप लगाए गए, मैं विपक्षी एकता के पक्ष में हूं लेकिन विपक्ष के पास कोई एजेंडा नहीं है और ना ही कोई डिसकोर्स। ये कुछ बातें नीतीश कुमार जब अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप कर आएं तो मीडिया से मुखातिब होते हुए बड़े ही सधे लहज़े में कहा।
दोपहर तक लालू यादव और राबड़ी देवी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं और कहते हैं कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे और ना नीतीश कुमार ने इसकी कोई मांग की है। शाम होती है तस्वीर बदलती है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस्तीफा देते हैं। जो बातें बस कयासों के बादल में थी वो हकीकत बनके बरसी तो हंगामा लाज़मी था।
नीतीश से जब पूछा गया कि क्या 71 सीटों वाली JDU 53 सीटों वाली BJP के साथ मिलकर सरकार बनाएगी? तो नीतीश कुमार का जवाब था कि आगे देखिए क्या होता है। राजनीती में कोई किसी का सगा नहीं होता ये तो सबको पता है लेकिन लालू और नीतीश कितनी बार एक दूसरे के सगे हुए और दुश्मन बने ये शायद अब GK के सवाल में आने लगे।
खैर बिहार के लिए आगे क्या है रास्ता बिहार के लिए, वो क्या वजह थी जिसके कारण नीतीश ने दिया इस्तीफा, विपक्ष का क्या होगा भविष्य ये सब जानिए इस वीडियो में: