Site icon Youth Ki Awaaz

इस क्लीनिक में दवाइयों से नहीं कविताओं से होता है इलाज

मन्नत अरमान ने कुछ महीने पहले मेरी आवाज़ में रिकॉर्ड करने के लिए कुछ कविताएं भेजी थीं। मैंने कारण पूछा तो बताया कि आपकी आवाज़ की गोलियां बनाकर ‘मरीज़ों’ का इलाज करेंगी। मैंने कविताएं देखीं तो वो कुछ ख़ास तरह की कविताएं थीं। ‘हीलिंग टच’ वाली। फिर एकाध रिकॉर्डिंग्स भेज दी और भूल गया।

कल रात को अचानक एक इनबॉक्स मैसेज आया कि कविताओं की एक नई क्लीनिक खुली है ‘POETRYCLINIC’ के नाम से। देखा तो बड़ा अच्छा लगा। पोएट्री क्लीनिक के पेज पर जब आप जाएंगे तो लगेगा किसी क्लीनिक में आ गए हैं। सारे सेक्शन के नाम कुछ इस तरह मिलेंगे – ‘ओपीडी’, ‘साउंड थेरेपी’, ‘विज़ुअल थेरेपी’, ‘मेडिकल स्टोर’ आदि। कमाल का डिज़ाइन लगा मुझे।

ऐसा नहीं कि साहित्य पर बात करने वाली वेबसाइट्स नहीं हैं, कविताओं पर ज्ञान रखने वाले पोर्टल या पेज नहीं हैं, मगर बीमार होती जा रही दुनिया का इलाज करने के मकसद से हिंदी में कोई इस भोलेपन से मेहनत कर रहा है, इस बात की तारीफ करनी चाहिए।

हिंदी कविता की दुनिया में लड़ाइयां बहुत हैं, छपास बहुत है, टांग-खिंचाई बहुत है, ख़ेमेबाज़ियां बहुत हैं, मगर कविताओं से इलाज की उम्मीद करने वाले लोग बड़े कम हैं।

नए-पुराने सब तरह के कवि मिलेंगे इस अनोखी वेबसाइट पर। कुंवर नारायण, अशोक वाजपेयी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना से लेकर अविनाश मिश्र और विपिन चौधरी तक। सिर्फ हिंदी ही नहीं विश्व कविताओं का भी एक कॉलम है।

दिन के हिसाब से कविताओं की गोलियां हैं। नए कवियों को ‘न्यू हीलर्स’ बताया गया है तो पुराने कवियों को मंजा हुआ डॉक्टर। सब मिलकर इस दुनिया का इलाज करेंगे।

इसके लिए वेबसाइट पर जाना पड़ेगा। अगर आपको लगता है कि आपके आसपास कोई कविताओं की दवाई से जी उठेगा तो ‘मेडिकल स्टोर’ सेक्शन से अपनी पसंद की कविता अपने घर ले जाइए, या फिर अपने दोस्त को गिफ्ट कर सकते हैं।

‘पोएट्री क्लीनिक’ अपने परिचय में कहती है – ‘हमें ऐसा लगता है कि कविता ही हमें बचाएगी। अगर आपको भी ऐसा ही लगता है, तो हमसे जुड़े रहिए। ऐसा नहीं लगता है, तो कुछ देर यहां रुककर देखिए, शायद आपको भी लगे कि कविताओं के पास वो ताकत है कि वो हमें बचा सकती है, बशर्ते हम बचना चाहें। हैप्पी पोएट्री!

पोएट्री क्लीनिक के बारे में बहुत ज़्यादा नहीं जानता, मगर इससे जुड़ गया हूं। किसी भी ईमानदार कोशिश के साथ जुड़ना अच्छा लगता है। आप भी इस टीम का हौसला बढ़ाइए। मन्नत अरमान और पूरी टीम को बधाई।

Exit mobile version