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AVERAGE- a small love story

Average’ जितना मामूली शब्द लगता है दरअसल उतना है नहीं..वेसे तो सबकी अपनी अपनी सोच होती है, मेरा मानना गलत भी हो सकता है लेकिन मेरे लिए सही है।

 

[Few months back at school]

 

Annual function ख़त्म हो चूका था, में और आशी स्कूल के एक कॉरिडोर में खड़े थे..

 

आशी- तुम्हे याद हे..हम इसी कॉरिडोर में बातें करते थे , क्या सही थे ना वो दिन काश हम फिर से वो पल जी पाते..वो पल वो बातें, वो बदमाशियां..

 

मैं- और वो प्यार…

 

आशी- कौन सा प्यार.., कोई प्यार व्यार नहीं था बस हमारा बचपना था।

 

मैं- हां तभी तो आज भी तुम्हारी यादों में .. ये याद सबसे अछी हे..ऐसा क्यों?

 

आशी- शायद में उस आशी को ज्यादा पसंद करती हू ..बेबाक , दिलखुस।।

 

मैं- अच्छा listen, कुछ कहना था।।

 

आशी- …आकाश , रहने दो…

 

मैं- सुन लो बस एक बार….

आशी- okay go on…

 

— I love you.. yeah i know that am a average looking guy, I was a average student, an average employee and एक average दोस्त but I promise मैं एक perfect lover, एक perfect husband और एक perfect father बन के दिखाऊंगा।।

  I just want to know that मुझे यह सब कहना था तुमसे..

 

आशी- (after 2 min pause) मुझे नहीं चाहिए कोई परफेक्ट becoz Mr. average “Average” is like perfect word for me.. (she’s smiled n hug me)

 

{सही तो कहा था उसने , हम एवरेज लोग कोई भी काम ज्यादा या कम नहीं करते हे इसलिए हम परफेक्ट कहते हैं। वेसे ये मेरी सोच है ऐसा जरुरी नहीं की आप भी इसपे अमल करते हो।}

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