Site icon Youth Ki Awaaz

बोकारो में मॉब लिंचिंग की कोशिश, लड़की के साथ पाए जाने पर युवक बना निशाना

पिछले कुछ वक्त में मॉब लिंचिंग या मॉब लिंचिंग की खबर, इस देश की रोज़मर्रा में शामिल होती जा रही है। कल ऐसी ही एक खबर झारखंड के बोकारो से आई। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें भीड़ एक युवक को पीट रही है। युवक का नाम मोहम्मद साकिर है। पूरी घटना को फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए मॉब लिंचिंग का प्रयास बताया गया और कहा गया कि धर्म के आधार पर ये घटना हुई।

क्या है पूरा मामला

स्थानीय पत्रकारों और पुलिस ने बताया कि मामला बोकारो थर्मल पावर स्टेशन थाना अंतर्गत कथारा के मार्केट के हिना कॉम्प्लेक्स का है। साकिर इसी कॉम्प्लेक्स में स्थित प्रज्ञा केंद्र* में काम करता है। सुबह जब साकिर प्रज्ञा केंद्र पहुंचा तो बाताय जा रहा है कि उसके साथ एक लड़की भी थी। स्थानीय लोगों ने दोनो को साथ जाते देखा और जब लड़की काफी देर तक नहीं लौटी तो लोग प्रज्ञा केंद्र पहुंच गए। दोनो को केंद्र में साथ देखकर स्थानीय लोग हिंसक हो गए और साकिर को मारना शुरु कर दिया। इसी क्रम में लोगों ने साकिर का सर मुंड दिया। साकिर बुरी तरह ज़ख्मी हो चुका था। भीड़ किस कदर हिंसक हो चुकी थी ये खबर के अंत में लगाए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है। लड़की नाबालिग है और हिंदू बताई जा रही है। और यही बात लोगों को भड़काने के लिए काफी थी। कुछ लोगों ने इस मौके को अपनी धार्मिक कुंठा बाहर निकालने का ज़रिया बना लिया। धीरे-धीरे पूरा मामला मज़हबी होता चला गया।

घटनास्थल पर पुलिस

मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पेट्रोलिंग पार्टी जब मौके पर पहुंची तब जाकर साकिर को बचाया गया। उसे बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, हालांकि पुलिस की माने तो अभी साकिर ठीक है।

खबरों के अनुसार साकिर के चाचा का कहना है कि उसके मुसलमान होने के कारण ही भीड़ इतनी हिंसक हुई और मामला इतना भड़का।

YKA की पुलिस से पड़ताल

पूरे मामले की जानकारी के लिए Youth Ki Awaaz ने बोकारो के DSP रजत बाक्सला (Rajat Baxla) से बात की।

बाक्सला ने बताया कि ”जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां लड़की नहीं थी। लड़की की मां ने जो शिकायत दर्ज करवाई है उसमें कहा गया है कि लड़की नाबालिग है और फोटोकॉपी करवाने मार्केट गई थी वहीं साकिर ने उसके साथ ज़बरदस्ती की और उसे अंदर खीच कर प्रज्ञा केंद्र का शटर गिरा दिया।” 

बाक्सला ने कहा कि लड़की माइनर है और इसलिए POCSO का मामला बनता है। ये पूछने पर कि क्या लड़के वालों ने धार्मिक आधार पर मारपीट जैसी बातों का ज़िक्र किया है DSP बाक्सला ने कहा कि साकिर के घरवालों ने मारपीट का मामला दर्ज किया है और धर्म से जुड़ी किसी बात का कोई ज़िक्र नहीं किया है। बकौल बाक्सला साकिर अभी ठीक है, इलाज चल रहा है।

हमारे पूछने पर कि सोशल मीडिया और एक दो जगह जहां रिपोर्ट किया गया है वहां इसे धर्म के आधार पर मॉब लिंचिंग के प्रयास की घटना बताई जा रही है बाक्सला ने कहा कि जब पूरी घटना हुई तो ऐसा कोई एंगल नहीं था, हां लोगों के अंदरूनी इमोशन्स का कुछ कहा नहीं जा सकता, जब बातें बढ़ती हैं और रिपोर्ट की जाती हैं तब कुछ लोग धार्मिक रंग देने की भी कोशिश करते हैं।

मौके पर मौजूद भीड़

अगर पुलिस को धर्म के आधार पर मारपीट की कोई शिकायत मिलेगी तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी। अभी आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है और जल्द ही गिरफ्तारियां भी शुरु की जाएगी।

हमने SDO प्रेम रंजन से भी बात की, उन्होंने बताया कि ”जब ये घटना हुई तब कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था या कम से कम हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी। जो कंप्लेन्स भी हमारे पास आई है उसमें लड़की पक्ष से ज़बरदस्ती और लड़के पक्ष से अनावश्यक मारपीट की आई है। इस मामले में एक गिरफ्तारी भी हुई है।

 

आगे भी अगर धर्म के आधार पर मारपीट की बात सामने आती है तो उसपर भी  कार्रवाई होगी। हमारे शहरों में लड़का-लड़की को साथ पाए जाने पर लोग हिंसक हो जाते हैं, इस प्रवृती से बाहर आने की ज़रूरत है।

बोकारो थर्मल पावर स्टेशन पुलिस ने YKA को बताया कि भीड़ द्वारा की गई हिंसा के खिलाफ IPC की धारा 147, 149, 323, 504 और 307 के तहत FIR दर्ज की गई है।  साकिर पर भी IPC की धारा 341, 342, 354, 354 (b) और POCSO एक्ट के सेक्शन 8 और 12 के तहत FIR दर्ज कर ली गई है।

पुलिस के अनुसार घटना में एक नामजद आरोपी मंटू यादव को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो और फोटो में मंटू को साकिर को पीटते देखा जा सकतता है। पुलिस ने बताया कि हालांकि अभी साकिर अस्पताल में है लेकिन जल्द ही उसके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

स्थानीय पत्रकार और अखबारों के हवाले से

स्थानीय पत्रकारों  ने बताया कि पहले तो मामला लड़का-लड़की के साथ होनेपर जो हमारे समाज का एक तय रवैय्या है उसका था। बाद में बातें बढ़ी और फिर हिंदू-मुसलमान वाला एंगल सामने आने लगा। कुछ राष्ट्रीय अखबारों के लोकल एडिशन की रिपोर्ट्स की माने तो भीड़ में कुछ उत्पाती थे जो इस मौके का फायदा उठाकर इसे एक सांप्रदायिक रंग देना चाहते थे। लेकिन पुलिस और कुछ स्थानीय लोगों की सूझबूझ से मामले को शांत किया गया और किसी भी तरह की हिंसा भड़कने को रोक दिया गया।

मामला धर्म के आधार पर मारपीट का था या नहीं इसकी आधिकारिक जांचें तो चलती रहेंगी लेकिन एक चीज़ जिसे किसी जांच की ज़रूरत नहीं है वो ये कि इस देश का समाज अब डराने लगा है क्योंकि हम लोग कम भीड़ ज़्यादा बनते जा रहे हैं। वो भीड़ जिसे हक है अपनी सहूलियत से फैसले लेने का और सज़ा देने का। वो भीड़ जिसका चेहरा अक्सर नहीं पाया जाता है।

 

चेतावनी- ये वीडियो आपको विचलित कर सकता है, अपनी समझ पर देखें


* प्रज्ञा केंद्र ग्रामीणों के लिए इंटरनेट से जुड़े काम करने के लिए सरकार द्वारा खोला गया सुविधा केंद्र है।

 

Exit mobile version