नमस्कार दोस्तों मेरा नाम सचिन सक्सेना है हालांकि मैं भी एक कंप्यूटर साइंस स्टूडेंट हूं लेकिन इलेक्ट्रॉनिक चीजों के मामले में कुछ समझ रखता हूं आजकल देखा देखी भाग-दौड़ इस यंग जनरेशन में चारों तरफ देखता हूं हर किसी के पास हर दो से 3 महीने में एक नया स्मार्टफोन नया कंप्यूटर सब कुछ है लेकिन इसके साथ कहीं किसी और का ध्यान शायद नहीं जा रहा है जो कि है E WASTE यानी कि electronic waste
दोस्तों आज की इस यंग जनरेशन में अगर ही बेस्ट को किसी तरह नहीं रोका गया तो फ्यूचर में पूरी की पृथ्वी वेस्ट से ढक जाएगी और इन प्रोडक्ट्स को रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता मार्केट में आ रहे ज्यादातर प्रोडक्ट ऐसे प्लास्टिक या फिर ऐसे मेटल के बने होते हैं जिनका रीसायकल होना लगभग मुमकिन मुमकिन नहीं है तो ऐसे में बहुत बड़ा सवाल बनता है आखिर इस बेस्ट का क्या किया जाए इन बड़ी कंपनी बड़ी कंपनी का क्या है जो मनचाहा नदी में फेंक दिया इस प्रकार हम देखते हैं कि यह वेस्ट बढ़ता ही चला जा रहा है अगर इसे सही समय पर नहीं रोका तो तबाही आ जाएगी एक आंकड़े के अनुसार पूरे पृथ्वी में प्रतिवर्ष 50 मिलियन की संख्या में कूड़ा निकलता है जिसमें कुछ टॉक्सिक बेस्ट भी होता है और यह देश हमारे लिए अत्यंत हानिकारक होता है
पूरी दुनिया का इलेक्ट्रॉनिक बेस्ट केवल 12 पॉइंट 5% ही री साइकिल किया जाता है
तो दोस्तों हमें प्रण लेना होगा कि हमें ही बेस्ट को कम से कम करना होगा जिससे आने वाले समय में भविष्य में पृथ्वी कुछ सुरक्षित बनी बनी रह सके और हम विज्ञान को और बेहतर तरीके से समझ पाए अगर हम सच में ही बेस्ट को कम करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें कुछ कदम उठाने पड़ेंगे जैसे कम से कम हम अगर एक या दो महीने में स्मार्टफोन को बदलते हैं तो उसे बढ़ाकर अगर आप एक साल में केवल एक स्मार्टफोन इस्तेमाल करें तो ऐसा करने से लगभग 20% तक की बेस्ट कम हो सकता है और ऐसे ही छोटे मोटे वेस्ट को बचाकर हम काफी हद तक इलेक्ट्रॉनिक बेस्ट बचा सकते हैं और ज्यादातर ई-वेस्ट को रिसाइकिल करना चाहिए उन्हें इस तरह ना फेकें तो दोस्तों आशा करता हूं आपको समझ आया होगा कि देश कितना घातक हो सकता है मैं और आप आज इस आर्टिकल को पढ़ कर पढ़ लेते हैं कि हमें कम से कम इलेक्ट्रॉनिक बेस्ट करना है और कम से कम इलेक्ट्रॉनिक बेस्ट लोगों को करने देना है आप सभी के सुझाव कमेंट आमंत्रित हैं धन्यवाद दोस्तों कि आपने इतना समय दिया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद