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बुलेट ट्रेन में आपका स्वागत है

 

 

भारत अपने रेलवे के सुनहरे अध्याय में प्रवेश कर चुका है। माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के प्रयासों से बुलेट ट्रेन की स्वर्णिम यात्रा अब अपनी उड़ान का मूर्त रुप ले रही है। वर्तमान और आने वाली पीढ़ी अब रेलवे के नये रोमांचकारी सफर का आनंद लेगी।

1989 में भारत को कम्प्यूटर क्रांति से परिचय कराने वाले प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सैम पित्रोदा(टेलीकॉम इंजीनियर) का अभूतपूर्व प्रयास आज हम सभी के लिये हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, आने वाला भारत का सुनहरा दौर बुलेट ट्रेन का ही होगा,जिसकी शुरुआत आज हो चुकी है।

जापान में 1964 में बुलेट ट्रेन की शुरुआत हो चुकी थी,लेकिन जापान के प्रधानमंत्री के सहयोग से भारत भी बुलेट ट्रेन के लिए किसी नन्हे पंछी की भाँति पंख पसारे एक सुखद और लम्बी उड़ान के लिए तैयार हो चला है।

पर सबसे महत्वपूर्ण बात जो है वह यह है कि अभी रेलवे के जो हादसे हुए है उसमें अभी व्यापक बदलाव की जरुरत है। रेलवे का ढाँचा अभी जर्जर अवस्था में हैे। रेलवे हादसों की समीक्षा जो कही न कही कागजों तक ही सीमित रह गयी है जरुरत है उसका प्रयोगात्मक अनुसंधान करने की,क्योंकि रेलवे के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है,ऐसे में रेलवे की वर्तमान व्यवस्था को दुरुस्त रखा जाये। तभी बुलेट ट्रेन का स्वागत ,हर्षोल्लास के पर्व के साथ होगा।

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