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” Rang ya dil”

” रंग या दिल ”
आज हम बात करेंगे कि किसी व्यक्ति का गोरा या काला होना मायने रखता है । या उसका खूबसूरत दिल और दिमाग़ ??
आप देखते होगें कि टी .वी पर शाहरूख ख़ान आते है और कहते है फेयरनेस क्रीम लगाने से मर्द गोरे होते हैं और उनके पीछे लड़कियाँ आने लगती हैं इसलिए मर्दों को फेयरनेस क्रीम लगाकर गोरा होना चाहिए ।
और यामी गौतम तो वर्षो से लड़कियों चो गोरा करने में लगी हुई हैं। पर आज तक कोई भी लड़की उस क्रीम से गोरी नहीं हुई है ।
आप सभी जानते है कि इतने सालों से हम शाहरूख को ऐसा ही देख रहे है। और यामी को भी हम ऐसे ही देख रहे है ।

फिर क्यों हम इस तरह की बातों में आते हैं। एक लड़की अगर थोड़ी सांवली है परन्तु उसका दिल और दिमाग़ सुँदर है ।वो पढ़ने में अच्छी है हमेशा क्लास में टॉप करती है उसके में सबके लिए आदर है प्रेम है और किसी को दुखी देखकर उसका दिल करूण से भर जाता है । और वह सबकी मदद करती है । तो क्या उस लड़की को अच्छा बनने के लिए गोरा होने की ज़रूरत है ??
और अगर एक गोरी और सुंदर लड़की में ये सब नहीं है पर वो गोरी है उसका कलर साफ़ है इसलिए क्या वो सर्वगुण सम्पन्न है ??

क्या कोई लड़की ऐसे लड़के से शादी करेगी जो कुछ भी नहीं कमाता है और आराम से रहना पसंद करता है क्योंकि वह सुंदर है गोरा है ??
या फिर उस लड़के से शादी करेगी जो मेहनत करके अच्छा पैसा कमाता और अपने बीबी बच्चों को एक अच्छी ज़िंदगी दे सकता है ??
हमारी समाज में क्यों आज भी इस गोरे काले या सांवरे कलर को इतनी एहमीयत दी जाती है । क्यों सभी को सुंदर और गोरी चिट्टी बहु चाहिए । इसी रंग भेद के ख़िलाफ़ हम अंग्रेज़ों से लड़े थे और यही रंगभेद आज हमारे बीच में भी फैला है । क्यों आज भी हम किसी काले व्यक्ति को या बच्चे को देखकर मुस्कराते नहीं । हम ये नहीं कहते कि हर गोरा व्यक्ति बुरा है या बुद्धिमान नहीं है पर गोरे काले का भेद क्यों
भगवान विष्णु जग पालक वह भी तो काले है सांवरे है कृष्णा विष्णु के अवतार जिनकी दुनिया दीवानी है जिनके लिए गोपीयाँ सुध बुध खो देतीं थी उन्होंने तो कोई फेयर नेस क्रीम नहीं लगाई फिर भी सारी दुनिया को दीवाना बना दिया ।कहने का तात्पर्य यही है कि व्यक्ति के काम उसका दिल उसका व्यवहार और उसकी बुद्धिमानी देखें जिससे उसकी पहचान है रंग रूप से नहीं ।
आप भी अपनी सोच बदलीये ।
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।धन्यवाद ।

”संगीता तिवारी ” की कलम से…

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