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हस्तमैथुन पर सामाजिक हाहाकार को दिखाता सेक्स की आदालत का ये एपिसोड

हस्तमैथुन यानी कि मास्टरबेशन यानी कि बाप रे बाप ये क्या कह दिया। मास्टरबेशन अपने समाज में कुछ उन विषयों में से है जिसके बारे में ना सिर्फ अज्ञानता और अंधविश्वास फैली है बल्कि इसपर बात करना भी जैसे पाप हो। सेक्स की अदालत के इस एपिसोड का टॉपिक भी यही है। बचपन से किशोरावस्था में प्रवेश कर रहे बच्चों के प्राकृतिक शारीरिक बदलाव को अक्सर विज्ञान और तथ्यों से ज़्यादा शर्म से जोड़ा जाता है। सेक्स की अदालत में इस बार एक लड़के ने अपने पिता पर हस्तमैथुन करने पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए केस किया है। यह पूरा एपिसोड हमें मास्टरबेशन के प्राकृतिक, मानसिक और शारिरीक तथ्यों से अवगत करवाता है।

सेक्स की अदालत में सेक्शुअल और प्रजनन(रिप्रोडक्टिव) स्वास्थ्य, युवाओं के हक जैसी महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की जाती है। 5 एपिसोड्स का ये कोर्टरूम ड्रामा सिरीज़, पॉप्यूलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया(Population Foundation Of India) और डायरेक्टर फीरोज़ अब्बास खान द्वारा बनाए गए शैक्षिक कार्यक्रम मैं कुछ भी कर सकती हूं की सफलता और इम्पैक्ट को और आगे बढ़ाने के मकसद से शुरू किया गया है। यह कार्यक्रम समाज के संवेदनशील मुद्दों पर असल ज़िंदगी की परिस्थितियों के ज़रिए बात करता है।


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