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Today we will meet Mrityunjay Singh , who developed world smallest browser , VGM lite ?

मृत्युंजय सिंह का बचपन: Founder Of VGM Lite – A world smallest browser at just 800 kb 

मैं एक मध्यम-वर्गीय परिवार से belong करता हूँ। मेरे पिता Former थे। और मैं उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के एक छोटे से गांव में पढ़ता था। बचपन में मेरा Computer , internet and interest animal और veterinary science में था। लेकिन जब मैं अपने दोस्तों जिनके पास PC था; को कंप्यूटर के बारे में बात करते सुनता था तो मेरे अंदर भी एक चाहत उत्पन्न हुई कि मैं भी उनकी तरह बात करूँ।
उस वक्त हमारे घर पे computer नहीं था और न ही हम उसे afford कर सकते थे। इसलिए मैंने अपने घर के नजदीक ही एक Internet Cafe find किया, तब मुझे हर महीने सिर्फ 15 रूपए बतौर pocket money मिलते थे, इतने पैसों में रोज internet नहीं surf किया जा सकता था। लेकिन मैंने इस दुकान के बारे में एक चीज notice की थी, ये हर रोज दोपहर में 1 बजे से 4 बजे तक बंद रहती थी। मैंने दुकानदार को एक offer दिया कि school के बाद 1 बजे से 4 बजे तक मैं आपकी दुकान खोलूँगा और customers का ध्यान रखूंगा। बदले में आप मुझे free में net surf करने देंगे। ये मेरी life की पहली business deal थी, और ये काफी सफल साबित हुई।
जब अपना पहला computer खरीदा:

जब मैं 9th class में था तभी मैंने computer खरीदने के लिहाज से काफी पैसे जमा कर लिये थे। उस समय मेरा भाई Art की पढ़ाई कर रहा था, पापा ने सोचा उसे कंप्यूटर की ज़रूरत है और उसके लिए कंप्यूटर खरीद दिया, कुछ ही समय में मैंने भी एक कंप्यूटर खरीद लिया। पर मेरे घर पे net-connection नहीं था। Net-cafe में ज्यादा समय देने से मेरी पढाई भी प्रभावित हुई। मैंने 9th के बाद अपनी सारी summer vacation cafe में काम करते हुए बिताई।

 

World Smallest Browser VGM Lite Les Then 800 kb Made Bye Mrityunjay Singh

मृत्युंजय सिंह ने दुनिया का सबसे छोटा ब्राउज़र बनाया जिसका नाम उन्होंने वीजीएम ब्राउज़र( VGM Lite ) दिया . यह ब्राउज़र मात्र 800 केबी का है . इस ब्राउज़र को खास तौर पे धीमी नेट पे भी चलने के लिए बनाया गया है इस ब्राउज़र ने UC ब्राउज़र और ओपेरा मिनी ादी कंपनी को टक्कर देने के लिए बनाया गया है

Mrityunjay Singh Say’s – ” Success Does Not Matter Education “

जब 20 साल की उम्र में अपनी company start की : Class 12th की छुट्टियाँ खत्म होने के कुछ दिन बाद ही मैंने अपनी कंपनी Cobra Online Services Pvt. Ltd. की शुरुआत की। मैं कंपनी का नाम Cobra Group And Cobra Group Of Company रखना चाहता था, पर दोनों ही नाम available नहीं थे, इसलिए मैंने   Cobra Online Services Pvt. Ltd नाम रख लिया।
पहले साल में Cobra Group Pvt. Ltd का turn-over Rs. 1 lac था,जो दुसरे साल में बढ़कर Rs. 9 Lacs हो गया।

 

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