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क्यों? गुजरात में अचानक इतने सारे प्रोजेक्ट की भरमार और आये दिन मोदीजी का गुजरात दौरा ?

गुजरात का विकास जिसने मोदीजी को सी. ऐम से पी.ऐम. बनाया। पर हमने अन्य आर्टिकल में जैसे  जाना की गुजरात का विकास बहोत मुद्दों पर निर्भर है। सामाजिक व्यवस्था, शांतचित और व्यापारी बुद्धि, स्त्रीओ का आदर सत्कार हर क्षेत्र में और कई। मोदीजी ने ये सबका जश 2014 में लेके पी.ऐम. तो बन गये पर वास्तव में मोदीजी असफल रहे अपने अनुयायी और अगली पीढ़ी को गुजरात की कमान संभालने के लिए। पाटीदार अनामत आंदोलन, ऊना दलित अत्याचार, नालियाकांड में स्त्रीओ पर सालो से शारिरिक शोषण भाजपा के कार्यकर्ता और उसमें नामी मंत्रीओ भी शामिल है। अगर 2 सेकंड के लिए सोचो कि मोदीजी भाजपा में नही है तो भाजपा क्या है ?

हाँ यह बड़ा सवाल है विश्वविख्यात जी.ई. कंपनी के नामी सी.ई.ओ. जेक वेल्च के पास 11 अनुगामी कंपनी का बिजनेस संभालने के लिए थे वही रतन टाटा को दो साल लगे अपना अनुगामी ढूढ़ने के लिए। वैसे ही मोदीजी नही तो भाजपा क्या ? कहा ?

गुजरात 182 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव की तारीख इलेक्शन कमीशन घोषित करनेकी तैयारी में है और क्यो हर दुसरे दिन मोदीजी नई योजना ले कर चले आते है आखर जनता इसे सही में विकास का भाग या 2014 की तरह के जुमले समझने लगी है ?

इलेक्शन से पहले मोदीजी 27बार गुजरात की आयेंगे

कभी देखा है क्या की….

मनमोहनसिंह जब 10 साल प्रधानमंत्री थे तब देश का काम छोड़के राज्यमें इलेक्शन प्रचार में लगे हो ?

प्रधानमंत्री के कंधों पर पूरे देश की ज़िम्मेवारी होती है और सारे राज्यो का विकास और उन्नति करनी होती है।

क्या भाजपा के पास एकही चेहरा है फिर चाहे लोकसभा चुनाव हो या राज्यो के विधानसभा, नगरपालिका और ग्रामपंचायत?

देशवासीओ देश के भले के लिये जागो।

चुनाव तथ्यों पे जीता जाना चाहिए न कि भावनाशील होके।

यह देश की बड़ी कमनसीबी है

गुजरात राज्य में कोंग्रेस में कोई ठोस नेता नही इसलिए राहुल गांधी दिल्ही से दौड़ते आते है

पर कोंग्रेस वैसे भी सत्ता में नही और उनके पास समय ही समय है तो आये कोई आपत्ति नही।

पर भाजपा देश पे राज कर रहा है और फिर भी प्रधानमंत्री और उनके सारे मंत्री सब कामकाज छोड़के गुजरात चुनाव में लगे है।

प्रधानमंत्री

वित्तमंत्री/रक्षामंत्री

मानवसंसाधनमंत्री

कायदमंत्री

रेलमंत्री

विदेशमंत्री

संचारमंत्री

गंगाशुद्धिकरण मंत्री

40 से ज्यादा केबिनेट और राज्यमंत्रीओ… और बाकी रेह गये तो

राजस्थान के मुख्यमंत्री

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और शायद

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी आएंगे।

क्यो बाहर से इतने मंत्री प्रचार और प्रसार के लिए आते है क्या गुजरात भाजपा में मुख्यमंत्री और अन्य कोई मंत्री में हिमंत, क्षमता और अनुभव नही है क्या ? क्या गुजरात असक्षम मुख्यमंत्री और मंत्रीओ चला रहे है ? क्या हुआ गुजरात विकास मोडल का ? क्यो ऐसी हालत हुवी गुजरात की ? या फिर ऐसी ही हालत थी पर कुछ गलत और फर्जी चित्र प्रदशित किया था 2014 के चुनाव में ? 23 साल के भाजपा कुशासन का जवाब देने के लिए “पूरे देश की जिम्मेदारीवाले” व्यक्ति को गुजरात के चुनाव काम में लगाया है

* कुछ विकास किया नही है बड़ी बड़ी बाते की है बस लोगो को बनाने के सीवा कुछ नही किया

* अगर सही में विकास हुवा होता तो बाहर से लोगो को बुलाना नही पड़ता

* बहोत शर्मजनक बात है की 2014 में सबसे ज्यादा लोको के वोट लेके आनेवाले प्रधानमंत्री के गुजरात मे अंधेरा है, कोई सबल नेता ही नही और ऐसे कोई काम ही नही।

विकास जैसे रोबोट हो और प्रधानमंत्री और अमितशाह के हाथ में रिमोट हो वरना विकसित राज्य को इतनी सरकारी सहाय और प्रोजेक्ट की भरमार क्यो ? और वो भी चुनाव के समय ?

 

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