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राष्ट्रविरोधी भूख

जिस देश में हजारों टन अनाज हर साल गोदामों में सड़ जाता है उस देश में राशनकार्ड को आधार से लिंक कराने के नाम पर राशन नहीं देने को सीधा “हत्या की श्रेणी में रखना चाहिए” क्योंकी ये तो सरकार भी कह रही है कि उसने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है I

भूख से होने वाली मौतों के लिए सीधे तौर पर प्रशासन को जिम्मेदार होना चाहिए सम्बंधित मंत्रालयों का काम सिर्फ फसलों के उत्पादन के आँकड़े भर देना नहीं होना चाहिए ! क्या हम सिर्फ इसलिए जनप्रतिनिधियों (प्रधान,विधायक,सांसद)को चुनते हैं कि वे सिर्फ बातों से हमें बहलाते रहें आँकड़े देते रहें और जान छुड़ाते रहें I

अभी हाल ही में जारी भूख से होने वाली मौतों की लिस्ट हमारे महान देश को काफी ऊपर रखा गया था #कुपोषण से प्रभावित राष्ट्रों में भी हम काफी ऊँचा स्थान रखते हैं साथ पीने के पानी की समस्या का आलम ये है कि इस लिस्ट में भी हम काफी अच्छा स्थान रखते हैं! अगर ये सब जानकर भी आपका सीना गर्व से नहीं फूलता है तब तो आपको जरूर ही अपने राष्ट्रवाद की जाँच करवा लेनी चाहिए I

हँसिये मत मैं कोई व्यंग नहीं कर रहा ये हमारा सच है हम ओलंपिक में मैडल लाने में भले कमजोर हों पर राष्ट्रवादी हम इतने पक्के हैं कि इस सब आँकड़े बाजियों की हकीकत को जानने समझने के बावजूद भी “अपनी सरकार” का समर्थन नहीं छोड़ते ! चलिये माना आज बीजेपी सरकार है कल तो नहीं थी ना? ये आँकड़े आज ही आज में नहीं उभरे हैं ये कल भी अपना वजूद रखते थे कल भी एक पक्ष खामोश रहता था आज भी एक पक्ष खामोश है क्योंकी हमारा रवय्या हमेशा से ही यही रहा है,सिर्फ सरकारें ही कल भी जिम्मेदार नहीं थी और आज भी नहीं हैं क्योंकी कल भी आपकी खामोशी इसमें बराबर की हिस्सेदार थी और आज भी है I

जब तक आप “अपना हक” (जनता का हक) नहीं माँगोगे तब तक आपको कुछ नहीं मिलेगा क्योंकी “बिना बच्चे के रोये माँ भी उसे दूध नहीं पिलाती” अगर सच में आप समस्या का समधान चाहते हो तो आपको ही बोलना सीखना होगा बोल नहीं सकते तो कमसे कम शिद्दत से रोना ही सीख लीजिए वरना यूँ ही राष्ट्रवाद और धर्म के नशे में मदहोश होकर पड़े रहिये और “राष्ट्रवाद धर्म जाति”के नाम पर एक दूसरे की बोटियाँ नोचते रहिऐ I

#जय_भारत_देश_महान

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