जब बात भेद भाव की होती है जेंडर के आधार पर तो हम पूरा साथ देते हैं की महिलाओं के लिए कुछ करना चाइये लेकिन हमारे समाज में एक जेंडर और है उसे क्यों समाज से बहार कर दिया है उसके लिए कोई आवाज़ क्यों नही उठाता है क्या वो इंसान नही है कृपया उनके लिए भी आवाज़ उठायें जरूरत है उन्हें भी मानबता की आप उन्हें छोड़कर जेंडर इक्वलिटी के विषय में नही सोंच सकते हो।।।