nmc द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कृति में नही लाना मैं विनोद यशवंत मसराम नागपुर (महाराष्ट्र)निवासी हु मैं पिछले 25 साल से पशुओंकी सेवा कर रहा हुपरन्तु बीते कुछ वर्षों से NMC के कुछ ऑफिसर नगरसेवक और कर्मचारी सड़क पर रहने वाले आवारा कुत्तों को बिना वजह उठाके ले जा रहे है जबकि ABC rule2001 के मुताबिक सिर्फ बीमार या रेबिस कुत्तो को उठाया जा सकता है वह भी सिर्फ इलाज केलिए और इलाज होने के बाद उसी स्थान पर उन्हें छोड़ा जाना चाहिए इस कानून है कोर्ट ने भी इस पर बैन लगाया है relocation of dog and dislocation of dog पर जब भी कोई NMC का कर्मचारी कुत्तो को उठाता है तो उस एरिया का नाम वहाँ के animal activist का नंबर और किस वजह से और किसके कहने से यह कुत्ते को उठा रहे है इसका पूरा ब्यौरा NMc के dogcatcher के डायरी में होना चाहिए परन्तु नागपुर शहर के मुनिसिपल carporation वालो के पास ऐसा कोई ब्यौरा नही रहता यहाँ के कर्मचारी सिर्फ nmc के बड़े ऑफिसर के फ़ोन पे यह कार्य करते है जिसके वजहसे animal activist इनके खिलाफकोई सबूत इकठ्ठा नही कर पातें मैंने nmc के इन कर्मचारियो की रिपोर्ट PFA office Delhi ki shrimati menka gandhiji को की परंतु यहॉ के पशु चिकित्सक अधिकारीके यह कह कर यह बात टाल दी की पिचलें तीन महीने में हमारे यह के कर्मचारी ऐसा कोई काम नही किया आप चाहे तो nmc की डायरी देख ले परन्तु यह अधिकारियह सब कार्य मोबाइल पर बड़े चतुराई से करते है जिससे उनके खिलाफकोई सबूत नहो मैं इस मामले को उजागर करने के लिए आपकी मद्त चाहता हु vinodmasram0@gmail.com
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