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अभी अभी

अभी अभी हवा का एक झोंका उनकी ख़ुश्बू लिए जा रहा था,
बहुत दूर है हम उनसे इसीलिए उनके करीब होने का एहसास करा रहा था,
दिल टूट गया हमारा जब हमे ये ख़बर हुई, की हमारी गैर मौजूदगी में वो बेवफ़ा किसी और से निक़ाह रचा रहा था,
टूटे हुए दिल को समेट कर उनके शहर की तरफ निकल ही रहे थे, के उनके एक पैग़ाम ने हमारा रास्ता रोक लिया,
आखिर क्यों हुए वो हमसे बेवफा ये सारी बातें उन्होंने एक मासूम ख़त से सब बोल दिया,
लफ़्ज़ों में तो वो हमसे कुछ भी न कह पाये हुए जब उनसे हम रूबरू,
मगर उनकी बेबसी के आलम को बयां करना तब तक उनके अश्कों ने कर दिया था शुरू,
कर दिया कुर्बान हमारी मोहब्ब्त को अब्बू के ज़बान के ख़ातिर,दे दी उसने अपनी जान मोहब्ब्त के मिसाल के ख़ातिर,
आज भी अफ़सोस होता है हमें उनको बेवफ़ा बुलाने का, रोते है हर पल औऱ कोशिश करते हैं उनको भुलाने का,
एक याद है उनकी जो दिल से कभी जाती ही नहीं
अब इस पागल दिल को कोई औऱ भाती भी नहीं,
दोस्तों यही मेरे मोहब्ब्त करने का सिला है, सौगात में सिर्फ दर्द, आँसू और तन्हाई ही मिला हैं
यही दस्तूर है दुनिया का कि कभी किसी का सच्चा प्यार पूरा नहीं होता हैं,
हो सकता है इसीलिए ही प्यार का नाम भी अधूरा होता हैँ।

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