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कविता

मैं हिंदू हूं और वो मुस्लिम है

मगर वो मेरा भाई है |

हम दोनों रहते  भी एक छत के नीचे थे और

सोते भी एक चादर के अंदर थे |

हम दोनों खेलते कुदते भी एक साथ थे

और खाना खाते भी एक साथ थे |

दुख भी साथ में बांटते थे

और खुशी भी साथ में बांटते थे |

 

मैं हिंदू हूं और वो मुस्लिम है

मगर वो मेरा भाई है |

 

मैं भी अल्लाह को सम्मान करता हूं

वह भी भगवान को सम्मान करता है |

मैं भी कुरान को मानता हूं

वह भी भगवत गीता को मानता है |

दीपावली दीऐ जलाते भी हम खुशियों के साथ जलाते थे और ईद पर गले भी उतने ही प्यार से लगाते थे |

वह भी नवरात्रों पर आलू पूड़ी और सीताफल की सब्जी खाता था और मैं भी ईद पर सेवइयां खाता था |

 

मैं हिंदू हूं और वो मुस्लिम है

मगर वो मेरा भाई है |

 

मेरी मां भी उसकी मां उसकी मां भी मेरी मां उसका पिता भी मेरा पिता और मेरा पिता भी उसका पिता था | मेरा रक्त भी लाल है उसका रक्त भी लाल है |

 

मैं हिंदू हूं वो मुस्लिम है

मगर वो मेरा भाई है |

 

मेरा नाम भी मेरे भाई पर हैं

मेरे भाई का नाम भी मेरे पर है |

अब वह भी मुझसे दूर है

मैं भी अब उससे दूर हूं |

अब उसका नाम उस पर है

मेरा नाम मेरे पर है |

जितना दुख उसको है इतना दुख मुझ को है

उसका नाम पाकिस्तान है मेरा नाम भारत है |

 

हम दोनों अब अलग है

मगर अब भी वह मेरा भाई है

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