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“गंतव्य की चाह” By Tanuja Jha

अगर माँ-पिता ने बच्ची को बड़ी पढाई करवा दी तो अब बच्ची को पुरुषत्व दिखाना ही पड़ेगा। अगर बच्ची का ध्यान किसी और दिशा में है तो उसे हर कोई दुत्कार देते हैं क्योकिं घर में पढाई के अलावा किसी और चीज़ को महत्त्व नहीं दिया जाता।

आज बच्ची का मन संगीत की दिशा में है लेकिन बच्ची के पास कोई नौकरी नहीं है इसलिए वो किसी लायक नहीं है ऊपर से मानो इस कंडीशन में पिता की नौकरी छूट गई हो तो बच्ची को दुश्मन समझा जाएगा। कभी-कभी मन में आता है क्या ये बच्चियाँ बोझ होती है। अगर बच्ची ने अपनी किए हुवे पढाई से अलग क्षेत्र में जाने की बात करे तो बच्ची नासमझ है, बच्ची को दुनिया-दारी की कोई ख़बर नहीं है।

ऐसे में पता है किसी भी लड़की का मन क्या करता है ???,,, उसका मन करता है कि उसकी शादी हो जाए और वो भी ऐसे लड़के से जो उसे समझे, उसे प्यार करे, उसकी एक-एक बात को समझे और इस माहौल से बहुत दूर ले जाए। 

 
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