हर इंसान यही सोच हैं कि संसार में हर सुख रूपये के बल पर प्राप्त किया जा सकता हैं लेकिन ये एक सफेद झुठ हैं । जैसे सुर्य के प्रकाश से जो रोशनी मिलती हैं दुनिया में किसी भी यंत्र का प्रकाश उसकी बराबरी नही कर सकते । उसी प्रकार संसार का भौतिक सुख हमें कुछ समय के लिए सुखदायक अहसास करा सकता हैं पर शान्ती की प्राप्ती नही करा सकता हैं । संसार में रहकर हम घोर कर्म में लगे रहते हैं और एक दिन इस संसार को छोड़ कर चले जाते हैं । और संसार भौतिक संसाधन हमें मौत से नही बचा पाते है ।संसार हर मनुष्य ये जानता हैं कि मरना निश्चित हैं पर फिर भी मनुष्य इस सच को नकार देता हैं । जीवन का सही अर्थ ये नही होता हैं । कुछ लोगों का ये मानना योग व समाधी से शान्ती की प्राप्ती की जा सकती हैं लेकिन ये तब ही संभव हैं जब हम सांसारिक मौह का त्याग करे ।