पढ़िये ज़रूर ।।।
जब से योगी सरकार सत्ता में आई है जब से गाय का मुद्दा बहुत तेज़ी से फैला है। मैं सरकार के इस फैसले का विरोध नही कर रह हूँ। बल्कि अपनी बात इस सरकार से कहना चाहता हूँ। अभी एक दो दिन पहले योगी जी बयान दिया है कि हर ज़िले में गौशाला खुलेगी। बिल्कुल खुले, बहुत अच्छी बात है। लेकिन सरकार को इस पर खास ध्यान देने की ज़रूरत है कि सरकार द्वारा किसी विश्वसनीय NGO के माध्यम से या किसी राज्य की किसी सरकारी एजेंसी से तहसील वार सर्वे कराए कि कौन-कौन गाय पाल रहा है और उसकी उम्र कितनी हो गयी है, दूध दे रही है या नही। यह सर्वे सरकार द्वारा हो। और यह सर्वे जनता के सामने लाया जाए। जब अगर गाय पकड़ी जाए कहीं तो उसको हिरासत में लेते हुए बेचने वाले का नाम भी पूछा जाए और यह सर्वे हर साल कराया जाए। पुनः सर्वे में पालने वाले के पास यदि गाय नही मिलती है तो उससे पूछताछ हो कि वह गाय कहाँ गयी जो आपके द्वारा पाली जा रही थी। यदि वह गाय दूध देना बन्द कर देती और वह उसे बेचना चाहता है तो उससे किसी भी बूचड़खाने में नही बेच पाए। यदि उसकी गाय मर जाती है तो उसकी लिखित सूचना, फोटो सहित तहसीलदार को दे मरने के बाद भी उसकी खाल, हड्डी का इस्तेमाल पर पाबन्दी हो क्यू कि माता को मरने के बाद भी तकलीफ़ नही दी जाए। मरने वाली गाय के लिये गाय श्मसान घाट बनाया जाए। जहाँ दाह संस्कार किया जा सके। दूध ना देने पर उसे खुले में छोड़ने की पबन्दी हो। यदि वह अपनी गाय को गौशाला में देना चाहता है तो उसको वहां से प्रमाण पत्र मिलना चाहिए और गौशाला के भी आंकड़ जनता के सामने प्रस्तुत किये जाए। इन गौशाला की निगरानी किसी भी राज्य सरकार के अधीन विभाग की हो और राज्य नही बल्कि हर राज्य में ऐसा हो। उसे RTI से भी जोड़ा जाए। जिससे हमारी देश की गायों को बचाया जा सके।