पाश्चात्य संस्कृति की भव्य नकल माल और वही ठेठ देशी अंदाज़ की ग्रीन ग्रुप की महिलाएं आई० पी०मॉल सिगरा में गांव में बने मिट्टी के दिये का मुफ्त में वितरण किया, संदेश स्पष्ट था कि गाव में बने सामानों का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने का अनुरोध शहरवासियों से करना जिससे गाँव में रोजगार का सृजन हो तथा बंद पड़े लघु और कुटीर उद्द्योग फिर से चालू हो जाये, जिससे गांव से पलायन रुके।
होप वेलफेयर संस्था द्वारा बनाये गए खुशियारी गांव की ग्रीन ग्रुप की महिलाएं पैरो में हवाई चप्पल पहने ब्रांडेड जूते व कपड़े पहने लोगो को इस दीपावली गाँव मे बने समान के प्रयोग का सीख दे गई। *बगल के शहर जौनपुर से सपरिवार सहित मॉल में घूमने आए संदीप गुप्ता वह उनकी पत्नी ने ग्रीन ग्रुप की इस पहल की सराहना की और कहा कि सिर्फ सोशल मीडिया द्वारा स्वदेशी का प्रयोग, मिट्टी के समान का प्रयोग करने की सीख देने से नहीं चलेगा बल्कि जमीनी स्तर पर ग्रीन ग्रुप की महिलाओं की तरह काम करने से ही बदलाव संभव है जिससे गांधी के स्वदेश का सपना साकार होगा।*