जब यूपी ATS और ए एन आई कि टीमें यूपी विधानसभा में मिले विस्फोटक की जांच कर रहे थे , तो उन्हें वंहा एक और विस्फोटक मिला , जो तुरंत तो जिंदगी नही खत्म करता लेकिन धीरे धीरे लाइफ को किसी लायक नही छोड़ता , जी हां उस विस्फोटक का नाम है ,
गुटखा , ये गुटखा भी न है कमाल की चीज़ यूपी में तो इसके हज़ारों नाम है , और सबकी अलग पसंद , किसी को कमला पसंद है तो किसी को पुकार , तो किसी को जगत , क्या गरीब क्या अमीर सबकी पसंद है , बस स्टैंडर्ड अलग नाम अलग ।
कितनो की तो सुबह की शुरुआत गुटखे से होती है ,
हमारे एक पड़ोस के ही तिवारी जी जब जेजमानी से लौटे तो साईकल में ब्रेक लगाते और गिरते गिरते कुछ पूछते इससे पहले उनके मुंह से गुटखे की पीक पच्च से हमाये शर्ट पर आ गिरी , पंडित जी बोले अरे बेटवा माफ कर दो , हमने बोला क्या पंडित जी आज सुबह सुबह ही भर लिया मुह और जाकर अपना शर्ट धोया हमने ,
अरे हां तो मुद्दा ये था कि हमाये विधायक लोग कौन सा गुटखा खोले थे विधानसभा में उस दिन , जिसका खाली पैकेट वंही कुर्सियों के दरारों में भर दिए थे , अरे नेता जी जनता ने चुन कर विधानसभा भेज था कि आप लोग सड़क के गड्ढे भरेंगे और आप लोग तो दरार भरने लगे , जहिलता की भी हद होती है विधायक जी कुछ तो सोचा होता , कुर्सियां भी कलरफुल हो गई है विधानसभा की इनके पीक से ,
देखने वाली बात ये होगी कि कंही वो विस्फोटक हमारे ही किसी विधायक की पच्च से की गई पीक तो नही है ।
जय हो गुटखे की ।
विवेक यादव (8476876809)